कांग्रेस इस्तीफा देने वाले संजय निरुपम ने आखिरकार अपना नया सियासी ठिकाना तय कर लिया. वो सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होंगे. इस बात की जानकारी खुद सीएम एकनाथ शिंदे ने दी. उन्होंने कहा कि संजय निरुपम से मुलाकात हुई है, वह जल्द ही हमारी पार्टी में शामिल होंगे.


वहीं सीएम शिंदे से मुलाकात के बाद संजय निरुपम ने कहा, "हमारी आज एकनाथ शिंदे से मुलाकात हुई है. मैं उनसे मिलने आया था. आगे मेरी क्या भूमिका रहेगी उसपर बात हुई है. निश्चित तौर पर शिवसेना का एक एक प्रत्याशी चुनाव जीते, हम वह प्रयास करेंगे. मैं चुनाव नहीं लडूंगा. यह तो मेरी घर वापसी है." 


सीएम एकनाथ शिंदे ने मुंबई की सभी सीटों पर एनडीए की जीत का दावा किया. उन्होंने कहा, "मुंबई में हम सभी 6 सीटें जीतेंगे और सभी जगह महायुति की जीत होगी. जब से मैं सीएम बना हूं मुंबई में तेजी से विकास के काम हो रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी मुंबई में 2 जनसभाएं होंगी. हमने उनसे से आग्रह किया था और उन्होंने हमको भरोसा दिया है."


संजय निरुपम को उम्मीद थी कि मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से उन्हें टिकट मिल सकता है. लेकिन पार्टी ने उन पर कार्रवाई करते हुए छह साल के निष्कासित कर दिया. हालांकि, निरुपम ने दावा किया कि उन्होंने ही इस्तीफा दे दिया. इसके बाद संजय निरुपम के बीजेपी और शिवसेना में शामिल होने की चर्चा हुई. लेकिन जब सीएम शिंदे की पार्टी ने मुंबई उत्तर पश्चिम से रवींद्र वायकर को टिकट दिया तो इसे संजय निरुपम के लिए झटके के तौर पर देखा गया.


लेकिन अब संजय निरुपम ने खुद साफ कर दिया है कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. संजय निरुपम मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहे. लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य चुने गए. वो अभिवाजित शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में आए थे और अब विभाजित शिवसेना का हिस्सा बनने का फैसला किया है.


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