शिवसेना (UBT) के मुखपत्र 'सामना' ने अपने ताजा संपादकीय में भारत के चुनाव आयोग पर जमकर हमला बोला है. संपादकीय में कहा गया है कि आयोग अब बीजेपी का 'मुफ्त तमाशा' बन चुका है और मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त अमित शाह के इशारों पर नाच रहे हैं.
राहुल गांधी के आरोपों का हवाला देकर 'सामना' ने दावा किया कि लोकसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर वोट चोरी हुई, जिसकी वजह से मोदी फिर से प्रधानमंत्री बने. संपादकीय में विभिन्न राज्यों के उदाहरण देकर चुनावी धांधली का खुलासा किया गया है.
मुख्य चुनाव आयुक्त की बीजेपी से सांठगांठ
'सामना' के संपादकीय में लिखा है कि मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त पहले अमित शाह के साथ गृह मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय में काम कर चुके हैं. शाह ने ही उन्हें इस पद पर 'चिपका' दिया, इसलिए वे शाह की चापलूसी करने के सिवा कुछ नहीं कर सकते.
पुराने चुनाव आयुक्तों की तुलना में इन्हें 'महान' कहकर तंज कसा गया है. सामना के मुताबिक अगर कोई नैतिक चुनाव आयुक्त होता, तो राहुल गांधी के आरोपों पर इस्तीफा दे देता और जनता से माफी मांगता. लेकिन यहां उल्टा हो रहा है. आयोग राहुल से हलफनामा मांग रहा है कि उनके आरोप सच्चे हैं या नहीं.
राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं और उन्होंने संसद में शपथ ली है, फिर भी आयोग उन पर भरोसा क्यों नहीं कर रहा? 'सामना' ने इसे निर्लज्ज प्रतिवाद बताया और कहा कि आयोग बीजेपी की चोरी को छिपाने में लगा है.
राहुल गांधी ने उजागर की वोट चोरी की साजिश
सामना में राहुल गांधी के दावों को सबूतों के साथ पेश किया गया है. गांधी ने बताया कि चुनाव आयोग और बीजेपी ने 'गठबंधन' कर वोट चुराए. कम से कम 50-55 लोकसभा सीटों पर धांधली हुई, जहां बीजेपी विरोधी उम्मीदवार अंतिम राउंड तक आगे थे.
मतगणना रोक दी गई, पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी की गई और बीजेपी को जिताया गया. उदाहरण के तौर पर जयपुर ग्रामीण में कांग्रेस के चोपड़ा आगे थे, लेकिन आखिर में हार गए. मुंबई में शिवसेना के अमोल कीर्तिकर का भी यही हाल हुआ. 'सामना' कहता है कि 25 सीटों पर जहां बीजेपी 35 हजार से कम वोटों से जीती, वहां का इलेक्ट्रॉनिक डेटा आयोग ने नष्ट कर दिया. राहुल ने मांग की कि पिछले 10 सालों की मतदाता सूची और वीडियोग्राफी दी जाए, वरना यह अपराध है.
विभिन्न राज्यों में बोगस वोटिंग का खेल
सामना में कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में धांधली के आरोप लगाए गए हैं. सामना के मुताबिक कर्नाटक के महादेवपुरा में 6.5 लाख वोटों में से 1 लाख चोरी हो गए. डुप्लीकेट मतदाता बनाकर एक व्यक्ति ने 5-6 बार वोट डाला. एक ही पते पर 40-40 मतदाता दर्ज किए गए.
महाराष्ट्र विधानसभा में फॉर्म 6 का दुरुपयोग हुआ. नए मतदाताओं के फॉर्म में 60-80 साल के लोग शामिल थे. ये डुप्लीकेट वोटर कर्नाटक से महाराष्ट्र और UP तक घूमकर वोट डालते रहे.
सामना में आरोप लगाया गया कि बिहार में 'विशेष अभियान' के नाम पर घोटाला जारी है. मुजफ्फरपुर के एक बूथ पर 269 मतदाता एक ही मकान नंबर पर, जमुई में 247 एक ही पते पर. 'सामना' में सवाल उठाया गया कि इतने लोग एक घर में कैसे रह सकते हैं? चुनाव आयोग के बिना यह सब कैसे संभव?
लोकतंत्र पर संकट, सुप्रीम कोर्ट की चुप्पी
'सामना' ने चेतावनी दी कि बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर लोकतंत्र का मटियामेट कर रहे हैं. राहुल के खुलासे से लोगों को लग रहा है कि उन्हें ठगा गया. महाराष्ट्र और लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जीत पर कोई जश्न नहीं मना, क्योंकि यह असली नहीं थी. मोदी, फडणवीस जैसे नेता धोखे से जीते, वे अपराधी हैं.
सामना में सुप्रीम कोर्ट पर भी सवाल उठाया गया. सामना ने सीधे सवाल किया कि क्या वह भी मोदी-शाह के अंगूठे तले दबा है? अगर जनता गुस्से में सड़कों पर उतरी, तो चुनाव आयोग को इंडिया गेट पर कोड़े मारेगी. 'सामना' के मुताबिक संवैधानिक संस्थाएं नष्ट हो रही हैं, और भोले-भाले लोगों को फंसाना इनका काम बन गया है.