मुंबई के पवई इलाके में बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्य एनकाउंटर केस में जांच अब और गहराती जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, मुंबई क्राइम ब्रांच जल्द ही शिवसेना नेता और पूर्व मंत्री दीपक केसरकर का बयान दर्ज करने वाली है.

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सूत्रों ने बताया कि घटना वाले दिन पुलिस ने दीपक केसरकर को फोन कर रोहित आर्या से बात करने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने उससे बात करने से इंकार कर दिया था. अब चूंकि केसरकर का नाम इस पूरे घटनाक्रम से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ माना जा रहा है, इसलिए क्राइम ब्रांच उनका बयान दर्ज कर यह समझने की कोशिश करेगी कि उस दिन पुलिस और रोहित आर्या के बीच क्या-क्या बातचीत और कोशिशें हुई थीं.

इस मामले में अब तक आरोपी के परिवार की ओर से भी पुलिस को कोई बयान नहीं दिया गया है.

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'फर्जी एनकाउंटर में की गई रोहित आर्या की हत्या'

वहीं दूसरी ओर, इस एनकाउंटर मामले ने कानूनी मोड़ भी ले लिया है. वकील नितीन सातपुते ने बॉम्बे हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की है, जिसमें यह गंभीर आरोप लगाया गया है कि रोहित आर्या की हत्या एक फर्जी एनकाउंटर में की गई.

याचिका में मांग की गई है कि इस पूरे मामले में एफआईआर दर्ज की जाए, जांच सीबीआई को सौंपी जाए, और एनकाउंटर में शामिल पुलिस अधिकारियों की नार्को टेस्ट कराई जाए, ताकि सच सामने आ सके.

'पुलिस अधिकारी ने आत्मरक्षा में चला दी गोली'

आपको बता दें कि रोहित आर्य ने 17 बच्चों को बंधक बना लिया था और सरकार से उसे सवाल पूछना था, दावा है कि बच्चों को रेस्क्यू करते समय ही पवई पुलिस स्टेशन में पोस्टेड पुलिस अधिकारी अमोल गायकवाड़ ने आत्मरक्षा में एक राउंड गोली चला दी जिसमे रोहित आर्य की मौत हो गई थी.