महाराष्ट्र में शिवसेना (उबाठा) और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच संभावित गठबंधन की अटकलों के बीच, कृषि कार्यकर्ता किशोर तिवारी ने शिवसेना (यूबीटी) से इस्तीफा दे दिया है. तिवारी ने मनसे की 'हिंदी भाषियों और अल्पसंख्यकों विरोधी' राजनीति को अपने इस्तीफे का मुख्य कारण बताया है.

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तिवारी ने सोमवार (3 नवंबर) को जारी एक बयान में पुष्टि की कि उन्होंने रविवार को ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपने इस्तीफे के पीछे के कारणों को स्पष्ट करते हुए कहा कि मनसे "हिंदी भाषियों, अन्य भाषाई अल्पसंख्यकों और मुसलमानों के खिलाफ है."

'गठबंधन के लिए होगा हानिकारक'

तिवारी ने इस बात पर जोर दिया कि ये सभी वर्ग 'महाविकास अघाड़ी (MVA) और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की मुख्य रीढ़' हैं. उन्होंने दावा किया कि यदि शिवसेना (उबाठा) इन वर्गों की उपेक्षा करती है, तो यह गठबंधन के लिए हानिकारक होगा.

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2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों का विश्लेषण करते हुए, तिवारी ने दावा किया कि शिवसेना (उबाठा) ने जो 20 सीटें जीतीं, उनमें से 10 सीटों पर जीत मुख्य रूप से हिंदी भाषी, मुसलमान, दलित और ओबीसी मतदाताओं के समर्थन के कारण ही संभव हुई थी.

'पहले भी किशोर तिवारी ने गठबंधन पर जताई थी आपत्ति' 

यह पहली बार नहीं था कि किशोर तिवारी ने इस संभावित गठबंधन पर आपत्ति जताई थी. तिवारी, जिन्हें इसी साल फरवरी में शिवसेना (उबाठा) के प्रवक्ता पद से हटा दिया गया था, ने पहले पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को एक खुला पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होंने ठाकरे से आग्रह किया था कि वह अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ गठबंधन न करें, क्योंकि राज ठाकरे महाराष्ट्र में "गैर-मराठी और मुसलमानों के खिलाफ एजेंडा" चला रहे हैं.

'पार्टी छोड़ने के अलावा नहीं बचा कोई विकल्प'

तिवारी ने कहा कि उनकी इस अपील को पार्टी नेतृत्व द्वारा नजरअंदाज किया गया, जिसके बाद उनके पास पार्टी छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा. उन्होंने कहा, “अब, भाषाई प्रादेशिकता की सुरक्षा और सामंजस्य और राष्ट्रीय हित के लिए, मैं शिवसेना (उबाठा) से अलग हो रहा हूं.”

किशोर तिवारी को कुछ साल पहले, राज्य सरकार द्वारा किसानों की आत्महत्या रोकने और कृषि सुधारों पर सुझाव देने के लिए गठित एक कार्यबल का प्रमुख नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें इस पद से हटा दिया गया था.