Maharashtra News: अजित पवार (Ajit Pawar) गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता उमेश पाटिल (Umesh Patil) ने संजय राउत पर हमला बोलते हुए कहा है कि उन्होंने ही मुख्यमंत्री के तौर पर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नाम का विरोध किया था. 2019 में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया. हालांकि रश्मि ठाकरे की जिद के चलते मुख्यमंत्री पद के लिए आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) का नाम आगे लाने की कोशिश की गई. यह महसूस करने के बाद कि यह संभव नहीं है, संजय राउत (Sanjay Raut) और अनिल देसाई ने मुख्यमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) का नाम को शरद पवार (Sharad Pawar) तक पहुंचाया.


एबीपी माझा के मुताबिक, उमेश पाटिल ने कहा, ''2019 में शरद पवार ने जानबूझकर यह स्थिति पैदा की क्योंकि उस वक्त शिवसेना एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने जा रही थी. लेकिन रश्मि ठाकरे, आदित्य ठाकरे को सीएम बनाना चाहती थीं लेकिन शरद पवार ने उन्हें मना कर दिया. उसके बाद ढाई साल तक मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना का कब्जा रहेगा और ढाई साल तक सुप्रिया सुले मुख्यमंत्री रहेंगी.''


बीजेपी के साथ क्यों की डील?
उमेश पाटिल ने आगे कहा, '' इसलिए हमने बीजेपी के साथ डील की. इसे उलट दिया गया और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाया गया. शरद पवार के पास कोई विकल्प नहीं था इसलिए उन्हें अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाना पड़ा क्योंकि सभी विधायकों की मांग थी कि अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया जाए.''


उमेश पाटिल ने आगे खुलासा करते हुए कहा कि  शरद पवार ने अजित पवार को इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि भविष्य में अगर सुप्रिया सुले को मुख्यमंत्री पद दिया जाए तो पार्टी में कोई और नेतृत्व हो. उद्धव ठाकरे के आरोपों पर उमेश पाटिल ने कहा कि यह हमेशा की तरह होने वाली रैली का रोना है. अगर उद्धव ठाकरे को सिस्टम पर भरोसा नहीं है तो आप किस आधार पर कह रहे हैं कि हमें ज्यादा सीटें मिलेंगी. वोटिंग ज्यादा होनी चाहिए थी लेकिन कम हुई, इसकी जांच के लिए एक कमेटी नियुक्त की गई है.


य़े भी पढ़ें- पुणे पोर्शे कार एक्सीडेंट: राहुल गांधी के बयान पर देवेंद्र फडणवीस का पलटवार, 'वोट पाने के लिए...'