उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है. उनके इस्तीफे पर विपक्ष सवाल उठा रहा है. वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि खराब स्वास्थ्य ही धनखड़ के इस्तीफे की वजह है.
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के अध्यक्ष और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने संसद परिसर में न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि जगदीप धनखड़ बहुत ही सीरियस और गंभीर व्यक्ति हैं. देश के लिए उनका योगदान बड़ा रहा है.
सभी को सुनते थे धनखड़- रामदास अठावले
राज्यसभा सांसद अठावले ने कहा, ''सत्ता पक्ष और विपक्ष...सभी को सुनते थे. कुछ समय से उनका स्वास्थ्य खराब था, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है.''
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को सभी को चौंकाते हुए इस्तीफे का ऐलान किया. उप-राष्ट्रपति कार्यालय ने उनके इस्तीफे का पत्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. इसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने त्यागपत्र में धनखड़ ने कहा, ''वह स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने के लिए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं.''
कांग्रेस को संदेह
इसके बाद राज्यसभा सांसद और कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस्तीफे पर सवाल उठाए. उन्होंने एक्स पर लिखा, ''बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है. हमें इसका मान रखना चाहिए लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं.''
पीएम मोदी ने किया एक्स पोस्ट
22 जुलाई को धनखड़ के इस्तीफे को स्वीकार करने की खबर आई. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जगदीप धनखड़ को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है. मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं.