उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के मंच साझा करने पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि दोनों मराठी के मुद्दे पर एक साथ आए हैं, ये अच्छी बात है. मराठी का हमें भी अभिमान है. मराठी हर लोगों को बोलने आना चाहिए ये बात भी सही है. 

महाविकास अघाड़ी में फूट हो जाएगी- अठावले

रामदास अठावले ने दावा किया कि दोनों भाइयों के साथ आने से हमारी महायुति (एनडीए) को और भी ज्यादा फायदा है. उन्होंने दावा किया कि महाविकास अघाड़ी (MVA) में फूट हो जाएगी. कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) अलग रहेगी. उद्धव ठाकरे को वहां से बाहर आना पड़ेगा. क्योंकि राज ठाकरे का ये कहना है कि अगर हम दोनों को साथ चलना है तो और किसी की जरूरत नहीं है.

'देखते हैं कितनी देर साथ रहते हैं'

न्यूज़ एजेंसी IANS से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "दोनों एक साथ आए हैं. देखते हैं कि कितनी देर एक साथ रहते हैं. जिस मराठी भाषा के मुद्दे पर इन्होंने रैली रखी थी उसकी हवा निकालने का काम सीएम देवेंद्र फडणवीस ने किया है. रैली के पहले ही देवेंद्र फडणवीस ने स्कूलों में हिंदी पढ़ाने का जो सरकारी आदेश निकला था उसे रद्द कर दिया."

'उद्धव ठाकरे के पास शिवसेना नहीं रही'

रामदास अठावले ने ये भी कहा, "विजयी रैली तो हमें करनी चाहिए थी. इनकी विजय रैली का कोई अर्थ नहीं है. इनको लग रहा है कि हमारी रैली की वजह से ऐसा किया गया लेकिन ये बात नहीं है. सभी मराठी लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर हमारी सरकार ने निर्णय लिया. दोनों भाई के एक साथ आने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उद्धव ठाकरे के पास अब शिवसेना नहीं रही. असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की है. इसलिए बहुत सारे लोग एकनाथ शिंदे के साथ हैं. 40 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ आए."

'राज ठाकरे के पास अभी एक भी विधायक नहीं'

इसके साथ ही उन्होंने कहा, "राज ठाकरे की बहुत बड़ी बड़ी सभाएं होती हैं. बहुत अच्छी बात है. एक वक्ता के रूप में राज ठाकरे मजबूत नेता हैं. लेकिन उनको वोट नहीं मिलता. अभी तो उनका एक भी विधायक नहीं है. एक बार तो 13 एमएलए चुनकर आए थे. दोनों के एक साथ आने से महाराष्ट्र की राजनीति में कोई फर्क नहीं पड़ेगा. फर्क पड़ेगा तो महाविकास अघाड़ी पर पड़ेगा."