Maharashtra Language Dispute: महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर चल रहा विवाद अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है. यह मामला अब राजनीतिक बयानबाजी से बढ़कर हिंसा और तोड़फोड़ तक जा पहुंचा है. शानिवार, 5 जुलाई को मुंबई के वर्ली इलाके में स्थित मशहूर निवेश सलाहकार सुशील केडिया के ऑफिस में मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की.
जानकारी के मुताबिक, केडिया के एक सोशल मीडिया पोस्ट से नाराज होकर मनसे समर्थकों ने उनके दफ्तर पर धावा बोल दिया और नारियल से हमला किया.
सुशील केडिया के पोस्ट के पर हुआ विवाद
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब सुशील केडिया ने एक्स पर पोस्ट कर मनसे प्रमुख राज ठाकरे को चुनौती देते हुए लिखा, “मैं पिछले 30 सालों से महाराष्ट्र में रह रहा हूं, लेकिन मराठी नहीं बोलूंगा. चाहे आपकी पार्टी के 100 कार्यकर्ता मुझे धमकाएं, मैं डरकर मराठी बोलना शुरू नहीं करूंगा.” इस पोस्ट के बाद ही उनके ऑफिस पर हमला किया गया. इस हिंसा ने राज्य में भाषा को लेकर हो रही बहस को और तीखा बना दिया है.
‘सामना’ में भी हुआ था सुशील केडिया का जिक्र
केडिया का जिक्र ‘सामना’ के आज के संपादकीय में भी किया गया है. वहीं, केडिया ने एक और पोस्ट में लिखा, “राज ठाकरे, आपकी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं की धमकियां मुझे मराठी भाषा में पारंगत नहीं बना सकतीं. जब भाषा को लेकर इतना डर और हिंसा का माहौल हो, तो कोई व्यक्ति गलती से भी कोई शब्द गलत न बोले, इसका डर और बढ़ जाता है. प्यार से लोग जुड़ते हैं, धमकियों से नहीं.”
सुशील केडिया शेयर बाजार और निवेश मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं. वे पिछले 25 सालों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के साथ कार्य कर रहे हैं. वे एशिया के पहले व्यक्ति हैं जो Market Technician Association के निदेशक मंडल में शामिल हुए.
उन्होंने ‘Kedianomics’ नामक रिसर्च फर्म की स्थापना की है, जो वित्तीय और निवेश सलाहकार सेवाएं देती है. इस घटना के बाद से महाराष्ट्र में भाषाई पहचान, नागरिक स्वतंत्रता और राजनीतिक दबाव पर नई बहस छिड़ गई है.