MNS प्रमुख राज ठाकरे को शुक्रवार (15 अगस्त) को दही हांडी का निमंत्रण मिला. इस पर राज ठाकरे ने निमंत्रण देने आए लोगों से कहा कि मुझे मटन हांडी का निमंत्रण दो. 16 अगस्त को होने वाले दही हांडी के निमंत्रण पर राज ठाकरे ने निमंत्रण देने वालों से कहा कि मैं केवल मटन हांडी का निमंत्रण स्वीकार करता हूं. एलफिंस्टन रोड स्थित प्रभादेवी दही हांडी उत्सव के आयोजक को MNS पदाधिकारी मुनाफ ठाकुर द्वारा निमंत्रण दिए जाने के बाद राज ठाकरे ने ये बयान दिया.

दही हांडी में फिल्मी हस्तियां भी होती हैं शामिल

महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है. दही हांडी की प्रतियोगिता करवाने वाली समितियां अपने यहां कई फिल्मी हस्तियों को भी आमंत्रित करती हैं. इस त्योहार की चमक-दमक इन्हीं कारणों से और भी बढ़ जाती है. इस त्योहार की लोकप्रियता को देखते हुए राजनेता भी आयोजनों में शरीक होते हैं. 

दही हांडी का पौराणिक महत्व क्या है?

दही हांडी के पौराणिक महत्व की बात करें तो यह प्रकरण भगवान कृष्ण की बाल्यावस्था से जुड़ा हुआ है. भगवान कृष्ण को माखन बहुत प्रिय था. वो घरों में चुपके से घुसकर अपनी मित्र मंडली के साथ सारा माखन चट कर जाते थे. इसी वजह से कृष्ण को माखन चोर कहकर भी बुलाया जाता है. दही हांडी का कार्यक्रम मुरलीधर की इसी लीला को समर्पित है.

मटन-चिकन की दुकानों को बंद रखने के विरोध में प्रदर्शन

इस बीच स्वतंत्रता दिवस पर नगर निगम द्वारा शहर के आधिकारिक बूचड़खाने और मटन-चिकन की दुकानों को बंद रखने के फैसले को लेकर कई राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और समुदायों ने नगर निगम के खिलाफ आंदोलन किया. कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका द्वारा पारित चिकन-मटन बिक्री बंदी के फैसले के विरोध में हिंदू खाटीक समाज, कांग्रेस पार्टी और शिवसेना यूबीटी गुट के कार्यकर्ताओं ने नगर निगम मुख्यालय पर विरोध दर्ज कराते हुए आक्रामक रुख अपनाया. नगर निगम के निर्णय के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने मुर्गियां हाथ में लेकर मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया.

प्रदर्शनकारियों ने अंदर घुसने की कोशिश की

प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को प्रदर्शनकारियों ने गिराकर अंदर घुसने की कोशिश की. हालांकि पुलिस की सतर्कता से उन्हें तुरंत हिरासत में लेकर पुलिस की गाड़ी से थाने ले जाया गया. पूरे आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने नगर निगम पर यह आरोप लगाया कि वह हमारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने का काम कर रही है.