Pune Bridge Collapse: महाराष्ट्र के पुणे के मावल तहसील में इंद्रायणी नदी पर बना लोहे का एक पुल ढह गया. इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई. वहीं 18 अन्य जख्मी हैं. इस घटना को लेकर महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार निशाने पर आ गई है.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि यह घटना क्यों होती है? सरकार में इतने सारे विभाग हैं, वे आखिर करते क्या हैं?
उन्होंने कहा, ''मावल तालुका के कुंडमाला गांव के पास इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना लोहे का पुल ढह गया. कई लोग बह गए और कुछ की मौत हो गई. नुकसान का सही आकलन नहीं किया जा सका है. इस दुर्घटना में मारे गए नागरिकों को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि.''
'पुल पर पूर्ण प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया?'
राज ठाकरे ने कहा, ''अगर यह पुल खतरनाक था, तो वहां प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया? अगर पुल खतरनाक था, तो उसे तोड़कर नया पुल क्यों नहीं बनाया गया? हर घटना के बाद सरकार में बैठे लोगों की ओर से एक खास प्रतिक्रिया आती है कि 'बचाव कार्य तेजी से चल रहा है और सरकार प्रभावित नागरिकों के साथ मजबूती से खड़ी है.''
एमएनएस प्रमुख ने कहा, ''...लेकिन यह घटना क्यों होती है? सरकार में इतने सारे विभाग हैं, वे आखिर करते क्या हैं? अगर उन्हें हर कुछ महीनों में या सिर्फ इसी कारण से इस घटना के बारे में बात करनी है, तो क्या वे मानसून से पहले खतरनाक पुलों का निरीक्षण, मरम्मत या बंद करने की योजना नहीं बना सकते? खैर, अगर प्रशासन ऐसा नहीं कर रहा है, तो जो लोग इतने सालों से सत्ता में हैं, वे प्रशासन से काम करवाने की योजना क्यों नहीं बना सकते?''
लोगों को भी सचेत रहना चाहिए- राज ठाकरे
राज ठाकरे ने कहा कि लोगों को भी अपने उत्साह पर थोड़ा लगाम लगानी चाहिए. उन्हें ऐसे खतरनाक स्थानों पर जाते समय, अपने परिवार को लेकर जाते समय थोड़ा और सचेत रहना चाहिए. बेशक, इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार की जिम्मेदारी कम हो जाती है. लेकिन अगर सरकार लापरवाही दिखाने जा रही है, तो हमें सतर्क रहना चाहिए.
उन्होंने कहा, ''अब जब मानसून की बारिश शुरू हो गई है, तो राज्य के कई शहरों में जलभराव, सड़कें बह जाना, पुल टूट जाना जैसी घटनाएं शुरू हो गई हैं. इन सबमें सरकार को युद्ध स्तर पर काम करना चाहिए और देखना चाहिए कि नागरिकों को कम से कम परेशानी हो.''
इंद्रायणी नदी पर बना पुल पैदल यात्रियों के लिए था. एक मंत्री ने बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि यह घटना पर्यटकों की भीड़ के कारण हुई, जिन्होंने वहां पर लगे चेतावनी बोर्ड को नजरअंदाज कर दिया था.