पुणे में रविवार को गटारी के मौके पर एक अनोखा नजारा देखने को मिला. पार्षद बनने की इच्छा रखने वाले स्थानीय दंपती ने 5000 किलो चिकन मुफ्त में बांटकर लोगों को चौंका दिया. धनंजय जाधव और पूजा जाधव ने पुणे महानगरपालिका चुनाव से ठीक पहले यह आयोजन कर जनता का ध्यान अपनी ओर खींचा. आयोजन के लिए पहले आधार कार्ड और रजिस्ट्रेशन की शर्तें रखी गई थीं, लेकिन भीड़ इतनी उमड़ी कि व्यवस्था जवाब दे गई.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में श्रावण मास 24 जुलाई से शुरू हो रहा है. इससे पहले गटारी रविवार मनाया जाता है. इसी मौके पर धनोरी के जाधव दंपती ने यह योजना बनाई और दावा किया कि इसका उद्देश्य "समाज को सशक्त बनाना" है. हालांकि, राजनीतिक गलियारों में इसे आगामी नगर निगम चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.
चिकन पाने के लिए आधार कार्ड जरूरी
कार्यक्रम की शुरुआत में कहा गया था कि चिकन पाने के लिए लोगों को आधार कार्ड दिखाना होगा और रजिस्ट्रेशन करना होगा. लेकिन जैसे ही योजना की खबर इलाके में फैली, लोग भारी संख्या में पहुंचने लगे. कुछ ही देर में लंबी कतारें लग गईं और अव्यवस्था फैल गई. आयोजकों के लिए भीड़ पर काबू पाना मुश्किल हो गया और आखिरकार आधार कार्ड और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को हटा दिया गया.
100 मीटर से भी लंबी लगी लाइन
धनोरी के श्रमिकनगर, भैरवनगर, सादबानगर, मुंजाबावस्ती, परांडेनगर और जकात नाका इलाकों में किचन को बांटा गया. हर जगह चिकन पाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. कई जगहों पर तो लाइनें 100 मीटर से भी लंबी देखी गईं.
आयोजकों का कहना है कि यह आयोजन धार्मिक और सामाजिक भावना के तहत किया गया, लेकिन लोग इसे सीधे तौर पर चुनाव प्रचार का हिस्सा मान रहे हैं. खासकर तब, जब नगर निगम चुनाव सिर पर हैं और चिकन वितरण करने वाले दंपती पार्षद बनने की तैयारी कर रहे हैं.