मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार के फैसले के बाद राज्य में ओबीसी की राजनीति हो गई है. इस बीच वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि ओबीसी को अपने अधिकार के लिए लड़ना चाहिए. कोई नेता आता है या नहीं आता है, उसकी परवाह न करते हुए रास्ते पर उतरकर अपने अधिकार के लिए लड़ना चाहिए, नहीं तो उनको जो अधिकार मिले हुए हैं शायद वो खो जाएंगे, ऐसी परिस्थिति है.
बीजेपी ने झूठ कहा- प्रकाश आंबेडकर
मराठा आरक्षण पर उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार है. मराठा नेताओं को गुमराह कर दिया. उनसे झूठ कहा. झूठ का बोलबाला इतने बड़े पैमाने पर उन्होंने फैला दिया कि लोगों को लग रहा है कि उनको आरक्षण मिल गया. लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट का एक फैसला है कि सब मराठाओं को कुनबी मानना गलत है, ये हो नहीं सकता."
ओबीसी को जारी रखना चाहिए आंदोलन- आंबेडकर
प्रकाश आंबेडर ने कहा कि जो सरकारी आदेश निकला है वो कहता है कि सभी मराठा कुनबी हैं. ऐसे में ये सरकारी आदेश इस जजमेंट के खिलाफ है. इसको सुप्रीम कोर्ट ने भी मान्य किया था. अब बीजेपी झूठ बोल रही है और लोगों को गुमराह कर रही है. ऐसे में ओबीसी को अपना आंदोलन जारी रखना चाहिए. वंचित बहुजन अघाड़ी की भूमिका रही है कि मराठों को ओबीसी के आरक्षण में से कोटा आप नहीं द सकते हो. ओबीसी का आरक्षण, ओबीसी के पास रहना चाहिए और मराठों को अलग से आरक्षण देना चाहिए.
बता दें कि मनोज जरांगे ने सरकार द्वारा उनकी ज़्यादातर मांगें मान लिए जाने के बाद 2 सितंबर को मराठा आरक्षण के मुद्दे पर पांच दिनों की अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली. सरकार ने पात्र मराठों को कुनबी (ओबीसी) जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक सरकारी आदेश भी जारी किया.
सरकारी आदेश से नाराज हुए छगन भुजबल
इस फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और एनसीपी नेता छगन भुजबल बुधवार (3 सितंबर) को कैबिनेट की एक बैठक में शामिल नहीं हुए और बाद में उन्होंने आरक्षण के लिए पात्र मराठों को कुनबी का दर्जा देने के सरकारी आदेश पर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने संकेत दिया कि वह इसे कानूनी रूप से चुनौती देंगे.