महाराष्ट्र के पालघर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो भारत में बढ़ती लापरवाही का सबसे स्पष्ट उदाहरण पेश करता है. पालघर जिले में भयंदर क्रीक पुल पर एक लोकल ट्रेन से लापरवाही से फेंके गए नारियल की चपेट में आने से 31 वर्षीय पैदल यात्री संजय दत्ताराम भोयर की मौत हो गई. 

Continues below advertisement

घटना 28 सितंबर की सुबह हुई, जब भोयर काम पर जाने के लिए रेलवे पुल पार कर रहे थे. यह घटना इसलिए और गंभीर है क्योंकि यह सीधे मानवीय सुरक्षा की अनदेखी को उजागर करती है और स्थानीय प्रशासन तथा नागरिकों के लिए चेतावनी है.

कैसे हुआ हादसा?

अधिकारियों के अनुसार, नारियल निर्माल्य था जिसे जल में विसर्जित करने के लिए ट्रेन से फेंका गया था. उस समय खराब मौसम और तूफानी परिस्थितियों के कारण नौका सेवा बंद थी, इसलिए भोयर पंज़ू द्वीप से नायगांव पहुंचने के लिए रेलवे पुल का वैकल्पिक मार्ग इस्तेमाल कर रहे थे. ट्रेन से फेंका गया नारियल सीधे भोयर के कान और आंख के बीच लगा.

Continues below advertisement

इलाज और मौत की जानकारी

भोयर को तुरंत वसई के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण उनकी स्थिति बिगड़ गई. इसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए मुंबई के जे.जे. अस्पताल भेजा गया. अधिकारियों ने पुष्टि की कि इलाज के दौरान भोयर की मौत हो गई. 

नागरिक सुरक्षा और भविष्य की चेतावनी

घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि सार्वजनिक स्थानों और रेलवे ट्रैकों पर लापरवाही कब तक जारी रहेगी. विशेषज्ञों और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता, कानूनी सख्ती और सार्वजनिक जिम्मेदारी जरूरी है. 

सबसे पहले तो सामान फेंकने वाले लोगों को अपनी आदत सुधारने की जरूरत है, साथ ही नागरिकों को भी विशेष सतर्कता बरतनी होगी और रेलवे पुल या अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में निर्माल्य फेंकने जैसी गतिविधियों से बचना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी अप्रिय घटनाओं को रोका जा सके.