Anil Deshmukh: अकोला में जलापूर्ति योजना पर लगी रोक हटाने की मांग को लेकर बालापुर विधायक नितिन देशमुख ने अकोला से नागपुर तक 'जल संघर्ष' यात्रा निकाली. इस यात्रा को नागपुर में प्रवेश करना था. हालांकि, पुलिस ने उनकी 'जलसंघर्ष' यात्रा रोक दी. इस दौरान विधायक नितिन देशमुख समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इस बीच इस मामले को लेकर महाविकास अघाड़ी के नेता शिंदे-फडणवीस सरकार की जमकर आलोचना कर रहे हैं. इसे लेकर एनसीपी विधायक अमोल मितकरी ने भी शिंदे-फडणवीस सरकार पर निशाना साधा है.


क्या कहा अमोल मितकरी ने?
जब से राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार सत्ता में आई है, लोकतंत्र समाप्त हो गया है और एक शैतानी साम्राज्य खड़ा हो गया है. इसका जीता जागता उदाहरण आज देखने को मिला. पीने के पानी के लिए अकोला से नागपुर तक पैदल संघर्ष यात्रा निकालने वाले नितिन देशमुख पर अवैध कार्रवाई की गई. उन्हें गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया था.


यह शैतानी साम्राज्य की शुरुआत है. लेकिन शिंदे-फडणवीस सरकार को याद रखना चाहिए कि चार दिन सास के और चार दिन बहू के. अमोल मितकरी ने आलोचना करते हुए कहा कि जिस दिन महाविकास अघाड़ी सत्ता में आएगी, उस दिन हिसाब होगा .


संजय राउत ने भी शिंदे सरकार की आलोचना की
इस बीच आज सुबह संजय राउत ने भी इस मुद्दे पर शिंदे सरकार की आलोचना की. नितिन देशमुख पानी के लिए संघर्ष यात्रा पर थे. सरकार को परेशान करने की वजह क्या है? बालापुर इलाके में तीन माह का बच्चा भी खारा पानी पीता है. इस पानी के कारण लोगों का जीना दूभर हो रहा है.


इसके लिए उद्धव ठाकरे ने जल योजना को मंजूरी दी थी. लेकिन फडणवीस ने उस योजना पर पानी फेर दिया. फडणवीस को खारा पानी दिखाने के लिए नितिन देशमुख खुद नगरपुर जा रहे थे, लेकिन सरकार ने उन्हें रोक दिया. राज्य में वास्तव में क्या हो रहा है? क्या मोगलाई को वापस ला रही है ये सरकार? उसने ऐसा कहा.



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