नवी मुंबई के नेरुल क्षेत्र में रविवार (16 नवंबर) को छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा के अनावरण को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया. आरोप है कि प्रतिमा कई महीनों पहले बनकर तैयार हो चुकी थी, लेकिन आधिकारिक अनावरण न होने के कारण इसे कपड़े से ढककर रखा गया था.

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इसी बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता अमित ठाकरे अपने कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने प्रतिमा का जबरन अनावरण कर दिया.

अमित ठाकरे बोले- 'यह मेरा पहला पुलिस केस होगा'

प्रतिमा का अनावरण करने के बाद मनसे नेता अमित ठाकरे ने मीडिया से बात करते हुए एक दृढ़ बयान दिया. उन्होंने कहा, "यह मेरे लाइफ में पहला पुलिस केस होगा... लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज के लिए मैं ऐसे कई मामले लूंगा."

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अमित ठाकरे ने अपनी कार्रवाई का कारण बताते हुए कहा, "महाराज की प्रतिमा पिछले कई महीनों से बनकर तैयार थी, लेकिन उसका अनावरण नहीं हुआ था. प्रतिमा के बगल में एक गंदा कपड़ा रखा गया था, उससे ढका था. मैं यह बर्दाश्त नहीं कर सका, इसलिए मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया."

मनसे कार्यकर्ताओं पर पुलिस कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची. मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा जबरन अनावरण करने की कोशिश के दौरान पुलिस ने हस्तक्षेप किया, जिससे स्थिति कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गई. पुलिस ने मनसे कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की है.

स्थानीय लोगों और मनसे का आरोप है कि प्रशासनिक कारणों के चलते प्रतिमा के अनावरण में जानबूझकर देरी की जा रही थी. पुलिस का कहना है कि वे घटना से जुड़े वीडियो फुटेज की जांच कर रहे हैं और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी.