नवी मुंबई के नेरुल में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के अनावरण को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता अमित ठाकरे ने रविवार (16 नवंबर) को इस प्रतिमा का जबरन अनावरण कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने उन पर और 70 MNS कार्यकर्ताओं पर कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है.

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केस दर्ज होने पर अमित ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "महाराज के सम्मान के लिए लड़ना अगर अपराध है, तो ऐसे हजारों अपराध मैं गर्व से करूंगा."

'गंदे, फटे कपड़े से ढका था, नेता नहीं मिल रहे थे'

यह भव्य प्रतिमा नेरुल स्थित राजीव गांधी फ्लाइओवर के पास स्थापित की गई थी. आरोप है कि यह प्रतिमा फरवरी माह से ही बनकर तैयार थी, लेकिन आधिकारिक तौर पर इसका अनावरण नहीं किया जा रहा था.

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अमित ठाकरे ने आरोप लगाया कि प्रतिमा को एक गंदे और फटे कपड़े से ढककर रखा गया था. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "लोकार्पण के लिए कोई नेता नहीं मिलता, इसलिए छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को सिर्फ गंदे, फटे कपड़े से ढककर रखा है. महाराष्ट्र की अस्मिता से किसी को खिलवाड़ नहीं करने देंगे."

पुलिस ने इन धाराओं में दर्ज किया केस

नेरुल पुलिस ने मनसे नेता अमित ठाकरे, नवी मुंबई मनसे अध्यक्ष गजानन काले, नेरुल विभाग प्रमुख अभिजीत देसाई और 70 अन्य कार्यकर्ताओं पर BNS (भारतीय न्याय संहिता) और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

नेरुल के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ब्रह्मानंद नाइकवाड़ी ने बताया कि आरोपियों पर जमावबंदी का उल्लंघन करने, बिना अनुमति कार्यक्रम आयोजित करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने का आरोप है.

पुलिस ने लगाया मारपीट का आरोप

पुलिस के अनुसार, जब उन्हें पता चला कि अमित ठाकरे प्रतिमा का अनौपचारिक उद्घाटन करने वाले हैं, तो उन्हें रोकने के लिए पुलिस बंदोबस्त लगाया गया था.

पुलिस का आरोप है कि अमित ठाकरे के साथ आए मनसे कार्यकर्ताओं ने पुलिस के बंदी आदेश को तोड़ दिया और उद्घाटन किया. पुलिस ने यह भी आरोप लगाया कि इस दौरान ड्यूटी पर मौजूद सहायक पुलिस निरीक्षक निलेश चव्हाण के साथ हमला किया गया और उन्हें चोट पहुँचाई गई, साथ ही सरकारी कार्य में बाधा डाली गई.