कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने राष्ट्रीय स्वंय संघ को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जिस ढंग से आरएसएस चलता है, तो आरएसएस एक आतंकवादी संगठन है, ऐसा मेरा साफ कहना है. उन्होंने कहा कि आरएसएस की जांच होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, "आरएसएस के कुछ गुट आतंकवाद फैला रहे है. महात्मा गांधी की विचारधारा का अनादर करते हुए हिंसा का प्रसार करते हैं. यह मुद्दा धर्म से जुड़ा नहीं है और सभी संबंधित लोगों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. यदि मुसलमान निर्दोष हैं, तो उन्हें निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए."
दलवई ने दोहराया कि हिंसा का समर्थन करने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन, जिसमें आरएसएस भी शामिल है, की जांच होनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि मुसलमानों ने जो कानून हाथ में लिया, वो भी गलत हैं. किसी भी सूरत में हिंसा नहीं होनी चाहिए. मैं गांधीवादी आदमी हूं. हिंसा के बिल्कुल खिलाफ हूं.
हुसैन दलवई ने कहा कि बिहार चुनाव के नतीजों पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद संगठन को आत्मचिंतन करने की जरूरत है. राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे ने खूब प्रचार किया, फिर भी ऐसी हालत हुई तो कहीं न कहीं संगठन इतना कमजोर कैसे हो गया, इस पर चर्चा करनी की जरूरत है.
इसके अलावा महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस के अकेले लड़ने की अटकलों पर उन्होंने कहा कि अगर हम आपस में लड़ेंगे तो इससे बीजेपी को फायदा होगा. कांग्रेस और शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट दोनों नेतृत्व को इस पर विचार करना चाहिए. हुसैन दलवई ने कहा कि मेरी राय में, हमें गठबंधन में बने रहना चाहिए. अलग-अलग लड़ने से समस्याएं पैदा हो सकती हैं. बीजेपी के खिलाफ सभी का एक साथ आना जरूरी है.
हुसैन दलवई ने आगे ये भी कहा कि जब कोई पार्टी सत्ता में नहीं होती है, तो आंतरिक मुद्दे उठते हैं और लोग आपस में लड़ते हैं. बीजेपी ऐसी स्थितियों का फायदा उठाएगी और उनके खिलाफ बोलेगी. वहीं बिहार चुनाव के नतीजों को लेकर हुसैन दलवई ने कहा कि एक ही परिवार के जरिए राजनीति करना गलत है. सिर्फ तेजस्वी के जरिए ऐसा करना गलत था. आरजेडी में सिर्फ तेजस्वी ही दिखते थे.