Nagpur Violence Highlights: धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में विश्व हिंदू परिषद और बरजंग दल के खिलाफ FIR दर्ज
Nagpur Violence News Highlights: नागपुर में सोमवार की रात हुई हिंसा में 12 दोपहिया वाहनों को नुकसान पहुंचा है. एक क्रेन और दो JCB को भी आग के हवाले कर दिया गया. कुछ लोगों पर तलवार से हमला हुआ.
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Nagpur Violence Updates: मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद अब पहले से ज्यादा गहरा गया है. शाम होते होते नागपुर में तनाव हो गया. उपद्रवियों ने पुलिस पर...More
महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर किए गए प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कुछ पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गणेशपेठ थाने में महाराष्ट्र और गोवा के वीएचपी प्रभारी सचिव गोविंद शेंडे और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
महाराष्ट्र से बीजेपी विधायक राम कदम ने नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा के लिए अबू आजमी को जिम्मेदार ठहराया है. राम कदम ने मंगलवार को कहा, उद्धव ठाकरे ने जिस अबू आजमी को अपनी गोद में बैठाया, वह इसके लिए जिम्मेदार हैं. आजमी ने औरंगजेब की जय-जयकार की शुरुआत की, जिससे जनाक्रोश बढ़ा.उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे का बचाव किया. बीजेपी विधायक ने कहा, उन्होंने (नितेश राणे ने) हिंदुत्व को लेकर अपनी भूमिका रखी और मैं मानता हूं कि उन्हें ऐसा करने से कोई रोक नहीं सकता है. हमारी हिंदुत्व की भूमिका है, थी और हमेशा रहेगी.
नागपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों में पुलिस फ्लैगमार्च कर रही है. इस फ्लैगमार्च में पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंगल भी शामिल हैं.
नागपुर पुलिस आयुक्त रविन्द्र सिंगल ने कहा कि पूरी घटना को लेकर 5 FIR और 50 से अधिक गिरफ्तारी हुई है. टेक्निकल एवीडेंस पर काम हो रहा है. और अधिक गिरफ्तारी होगी. उन्होंने कहा कि लोगों को डरने की ज़रूरत नहीं है.
वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने एक्स पर लिखा, "महाराष्ट्र में पिछले कुछ हफ्तों से सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने की एक बड़ी साजिश चल रही है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि चल रहे सांप्रदायिक तनाव पहले से ही पूर्वनियोजित हैं और राजनीतिक लाभ के लिए और महाराष्ट्र में वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बनाए गए हैं. बनाए गए सांप्रदायिक तनाव से भाजपा-आरएसएस के एजेंडे को मदद मिलती है."
उन्होंने कहा, "मुस्लिम प्रतिनिधियों के संगठन ने दो अलग-अलग मौकों पर महाराष्ट्र के सीएम से मुलाकात भी की, कई मुसलमानों ने पुलिस को बढ़ती सांप्रदायिक नफरत के बारे में सूचित किया था, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली प्रशासन कोई कार्रवाई करने में विफल रही."
इसके साथ ही उन्होंने लिखा, "क्या अब भाजपा के नेतृत्व वाली प्रशासन भड़काऊ भाषण देने वालों, हेट क्राइम करने और अफवाह फैलाने वालों और महाराष्ट्र में सांप्रदायिक अशांति पैदा करने वालों के खिलाफ समय पर कार्रवाई करेगी?"
नागपुर हिंसा पर सपा विधायक अबू आजमी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि वो बहुत दुखी हैं. नागपुर में कभी भी सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए वहां पर इतना बड़ा फसाद हो गया. हमारा देश गंगा जमुनी तहजीब का देश है. किसी के भड़काने पर मत आएं. रमजान का महीना है. मैं तमाम लोगों से कहना चाहता हूं कि हमें शांति बनाना है. देश को आगे बढ़ाना है तो आपस में लड़ाई नहीं होनी चाहिए. कानून को हाथ में मत लीजिए. कानून अपना काम करेगा लेकिन इंसाफ होना चाहिए.
नागपुर में हुई हिंसा पर विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि जो लोग उसमें शामिल हुए थे उनके घरों को तोड़ा जाना चाहिए और जो हमारे हिन्दू भाइयों को नुकसान पहुंचा है उन सभी दंगाइयों से उनकी वसूली की जानी चाहिए. हमने सरकार से कहा है कि हम यह कब्र उखाड़ कर रहेंगे. यह लोग संविधान को नहीं मानते यह सभी जिहादी लोग हैं. हिन्दू समाज को डराने और धमकाने के लिए यह हिंसा हुई है. यह औरंगजेब को अपना आदर्श मानने वाले लोग हैं. इन जिहादियों के खिलाफ अब हिन्दू समाज को सड़कों पर आना होगा.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र और राज्य में इनकी सरकार है अगर यह हिंसा को रोक नहीं पा रहे हैं तो इनको इस्तीफा देना चाहिए. जैसे यूपी में बुलडोजर चलाया जाता है तो यहां पर बुलडोजर क्यों नहीं चलाते.
नागपुर हिंसा से जुड़े सवाल पर महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने कहा कि इसके पीछे अबू आजमी जिम्मेदार हैं. उन्होंने ही इस मुद्दे को शुरू किया था. उन्होंने कहा कि अगर आंदोलन करना है तो लोकतांत्रिक तरीके से करें.
नागपुर में हुई हिंसा पर कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा, "पुलिस क्या कर रही थी सरकार का इंटेलीजेंस विभाग क्या कर रहा था? हम घटना का समर्थन नहीं कर रहे लेकिन अगर मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि घटना पूर्वनियोजित थी तो आप क्या कर रहे थे. मतलब सरकार की नाकामी है."
बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पूछा, "कांग्रेस और महाराष्ट्र में विपक्ष नागपुर हिंसा पर चुप क्यों हैं? उन्हें बताना चाहिए कि यह हिंसा किसने शुरू की और इसके पीछे कौन है? उनके द्वारा सच सामने आना चाहिए!"
नागपुर हिंसा पर सदन में बोलते हुए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कुछ लोगों पर तलवार से हमला हुआ. 5 आम लोगो पर हमला हुआ. SRPF की पांच टुकड़ियां तैनात की गई हैं. एक पुलिसकर्मी पर कुल्हाड़ी से हमला हुआ है.
गपुर हिंसा पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि यह बहुत चिंताजनक मामला है. यह एक साजिश है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष को महाकुंभ ही रास नहीं आया. मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि विपक्ष को ऐसे शानदार कुंभ की चर्चा पसंद नहीं आ रही है. विपक्ष महाकुंभ की सफलता की चर्चा भी नहीं सुनना चाहता. मेरा मानना है कि जो लोग विरोध कर रहे हैं, उन्हें आने वाले समय में उनके क्षेत्र की जनता उन्हें दोबारा संसद में नहीं आने देगी."
शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने नागपुर हिंसा पर कहा कि महाराष्ट्र में काम अच्छा चल रहा है, योजनाएं लोगों तक पहुंच रही हैं. कुछ लोगों को अच्छा काम पसंद नहीं आ रहा है, वे हिंसा चाहते हैं. कुछ लोग हर दिन धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं. यह एक पूर्व नियोजित साजिश है, सरकार इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.
नागपुर हिंसा पर महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने कहा कि जिसने पुलिस के ऊपर हाथ उठाया उनके हाथ को हम छोड़ेंगे नहीं. इससे पहले भी पुलिस के ऊपर हाथ उठाया गया है. ये कैसा आंदोलन है? ये जिहादी हमेशा पुलिस पर ही हाथ क्यों उठाते हैं? जिसने हमारे पुलिस के ऊपर हाथ उठाया है उनको अपना अब्बा पकिस्तान से याद आएगा. सच बोलना हिन्दुओं के साथ खड़े रहने में कुछ गलत नहीं है ,मैं सनातन के साथ खड़ा हूं. किताबों से औरंगजेब को हटाना होगा, ये कांग्रेस का पाप है.
नागपुर हिंसा पर केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि कल की घटना प्री-प्लान थी, जो दंगाईयां थे वे पूरे शस्त्र के साथ आए हुए थे, हमारे पुलिस को भी जख्मी किया गया. उन्होंने कुछ वाहनों को भी जलाया. ये निश्चित रूप से सब कुछ प्री-प्लान था.
नागपुर हिंसा पर छत्रपति संभाजीनगर कलेक्टर दिलीप स्वामी ने कहा, "जिले में स्थिति शांतिपूर्ण है. कल बजरंग दल के सदस्यों ने हमें एक याचिका दी. जिले में पुलिस बल अलर्ट पर है. CP और मैं जिले के संवेदनशील इलाकों का दौरा कर रहे हैं. दौलताबाद और खुल्दाबाद के संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात है. हमने लोगों से अफवाह न फैलाने का अनुरोध किया है. पुलिस सोशल मीडिया पर नजर रख रही है."
नागपुर हिंसा पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार की फेलियर है. पिछले कुछ दिनों से लगातार माहौल खराब करने का प्रयास किया जा रहा था. इसकी भी जब पुलिस में शिकायत की गई, तब भी कुछ नहीं हुआ. इससे साफ लगता है कि यह जानबूझकर कराया गया है. मुख्यमंत्री भी नागपुर से आते हैं और केंद्रीय मंत्री भी नागपुर से आते हैं, जो हुआ ठीक नहीं हुआ. मैं घटना की निंदा करता हूं, लेकिन इसके पीछे कुछ लोगों का मकसद है.
शिवसेना-यूबीटी के विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा नागपुर हिंसा पर कहा है कि मुख्यमंत्री के शहर में ऐसा होता है. सबसे पहले मुख्यमंत्री को सूचना जाती है, अगर ऐसा कुछ होता है तो. ये लोग दूसरा मणिपुर बनाना चाहते हैं. सरकार उनकी है, सबकुछ उनके हाथ में हैं, लेकिन उनको नौटंकी करनी है, दिखाना है. ऐसा माहौल बनाना है, सरकार की नाकामी है इंटेलिजेंस को क्यों दोष देना.
नागपुर हिंसा पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "हमें पिछले कुछ हफ्तों में महाराष्ट्र के सीएम और मंत्रियों के बयानों को देखने की जरूरत है. सबसे ज्यादा उकसावे की बात सरकार की तरफ से आ रही है. उन्हें जिम्मेदारी भी महसूस नहीं होती. एक बादशाह की तस्वीरों को आग के हवाले कर दिया गया, लोगों ने शिकायत की, कोई कार्रवाई नहीं हुई, मैं इस हिंसा की निंदा करता हूं, लेकिन इस घटना को ठीक से देखा जाना चाहिए. सरकार की तरफ से आने वाले बयान भड़काऊ थे. यह बहुत गलत है. सरकार की जिम्मेदारी है, यह खुफिया तंत्र की विफलता है. यह सीएम के पैतृक स्थान पर हुआ और यह घटना एक केंद्रीय मंत्री के घर के पास भी हुई."
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने नागपुर हिंसा पर कहा, "सरकार हालात से बहुत अच्छे से निपट रही है और ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए. यह इस पार्टी या उस पार्टी की बात नहीं है, जिसने भी गलत किया है, महाराष्ट्र सरकार उस पर कार्रवाई कर रही है.
बीजेपी सांसद अशोक चव्हाण ने नागपुर हिंसा पर कहा, "यह एक दुखद घटना है. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है, लेकिन देश में ऐसे मुद्दों पर सांप्रदायिक दंगे होना ठीक नहीं है, महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील राज्य में यह ठीक नहीं है. सरकार ने पूरी स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है. अब स्थिति सामान्य है. पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है. जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी.
शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने नागपुर हिंसा पर कहा, "नागपुर में हुई हिंसा की घटना निंदनीय है. कुछ लोगों ने एक समुदाय विशेष के घरों पर पथराव किया और पुलिस पर कुल्हाड़ियों से हमला किया. यह पहले से ही योजनाबद्ध दंगा था. पुलिस ने कुछ लोगों को पकड़ा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि भीड़ बाहर से आई थी और सरनेम चेक करने के बाद घरों पर हमला किया. इसके पीछे जो लोग हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. महाराष्ट्र में विपक्षी नेता पिछले 3-4 दिनों से कह रहे थे कि दंगे होंगे. उन्होंने भविष्यवाणी कैसे की और इसके बारे में कैसे पता चला? इस पर भी गौर किया जाना चाहिए. यह विपक्ष की साजिश लगती है.
नागपुर हिंसा पर महाराष्ट्र के मंत्री संजय शिरसाट ने कहा, "नागपुर में हुई हिंसा के पीछे महा विकास अघाड़ी का हाथ है. जहां कब्र है, वहां से कोई मुसलमान क्यों नहीं आ रहा है? यहां तक कि मुसलमान भी नहीं चाहते कि वहां कब्र हो. वे (विपक्ष) यह दिखाने के लिए ऐसा कर रहे हैं कि वे मुसलमानों के साथ खड़े हैं, लेकिन उन्हें यह एहसास नहीं है कि मुसलमान भी ऐसा नहीं चाहते."
नागपुर हिंसा पर बीजेपी नेता अनूप संजय धोत्रे ने कहा, "यह घटना प्लान घटना है. राजनीति से प्रेरित लोग जिन्हें मुसलमानों के कल्याण की चिंता नहीं है, उन्होंने अपने निजी हितों के लिए ऐसा किया है लेकिन हमारे सीएम देवेंद्र फडणवीस और गृह मंत्री अमित शाह जानते हैं कि ऐसी स्थितियों से कैसे निपटना है. वारदात करने वाले जेल में जरूर जाएंगे."
नागपुर हिंसा पर कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा, "मैं महाराष्ट्र के लोगों से शांति बनाए रखने का अनुरोध करती हूं. महाराजा छत्रपति शिवाजी महाराज एक ऐसे नेता थे जो सभी को साथ लेकर आगे चलते थे. कुछ लोग महाराष्ट्र में सामाजिक माहौल को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. धर्म अपनी जगह है राजनीति अपनी जगह है दुर्भाग्यपूर्ण कुछ लोग राजनीति को धर्म की तरफ ले जाने का प्रयास कर रहे हैं. मैं सभी शांति बनाए रखने का आह्वान करती हूं."
नागपुर हिंसा पर विधानसभा में बोलते हुए महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने विरोध प्रदर्शन किया. अफवाह फैलाई गई कि धार्मिक सामग्री वाली चीजे जला दी गईं. यह एक सुनियोजित हमला लगता है. किसी को भी कानून- व्यवस्था अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है. पुलिस पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे, सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह हिंसक घटना और दंगे पूर्व नियोजित प्रतीत होते हैं. छावा फिल्म ने औरंगजेब के खिलाफ लोगों के गुस्से को भड़का दिया है, फिर भी सभी को महाराष्ट्र में शांति बनाए रखनी चाहिए.
महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में अपना भाषण दिया. उन्होंने कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. दो लोग आईसीयू में हैं. चुन-चुनकर घरों और दुकानों को निशाना बनाया गया.
नागपुर हिंसा पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, "छावा फिल्म में औरंगजेब ने जिस तरह से सांभाजी की हत्या की थी उसे देखकर लोगों में औरंगजेब के खिलाफ आक्रोश और बढ़ गया है. लेकिन हमारा सभी से कहना है कि वो शांति बनाए रखे रहें और वहां पर कानून-व्यवस्था बनाए रखें. शांति से आप मांग कर सकते हैं. मुख्यमंत्री और वहां की सुरक्षा बल लोगों को सुरक्षित रखने का प्रयास कर रही है."
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नागपुर हिंसा पर कहा, "कल नागपुर में जो घटना हुई वह दुर्भाग्यपूर्ण है, जो आगजनी हुई, जिसमें 2-4 हजार लोग एकत्र हुए और कई घरों को निशाना बनाया, पथराव किया, आगजनी की. मोमिनपुरा में, जहां 100-150 गाड़ियां खड़ी रहती थीं, वहां एक भी गाड़ी कल नहीं थी. पुलिस जांच कर रही है कि कहीं ये पहले से सोची-समझी साजिश तो नहीं है. लोगों पर हमला किया गया, पुलिस की गाड़ियों को भी निशाना बनाया गया. इस घटना में 4 DCP स्तर के अधिकारी, 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. पुलिस पर हमला करने का मतलब है कानून को अपने हाथ में लेना. इन लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, सख्त कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री खुद इसका संज्ञान ले रहे हैं. मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे पुलिस का सहयोग करें और शांति बनाए रखें."
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने नागपुर हिंसा पर कहा है कि यह साजिश के तरह की गई. किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा. औरंगजेब ने कई मंदिरों को तोड़ा था.
वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि महाराष्ट्र का एक विषैला मंत्री सरेआम समाज में नफरत फैलाने और बाटने का काम कर रहा है. यही नहीं बल्की महाराष्ट्र में नफरत फैलाने के लिए बाहर से लोग लाए जा रहे हैं. ये एक बड़ी सोची-समझी साजिश का हिस्सा है. नागपूर सहित सभी लोगों से अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें. प्रकाश आंबेडकर का निशाना नितेश राणे और तेलंगाना के बीजेपी विधायक टी राजा सिंह पर था.
नागपुर हिंसा पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि नागपुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना पहले कभी नहीं देखी गई. जिस तरह से यह घटना हुई, यह स्पष्ट रूप से साजिश का मामला है.
नागपुर शहर के पुलिस आयुक्त रविन्द्र कुमार सिंघल ने हिंसा को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि अभी शांतिपूर्ण स्थिति है. हमने कुछ एरिया में कर्फ्यू लगाया है. स्थिति कंट्रोल में है और शांति बनी हुई है. हमने इस घटना में करीब 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है. इसके अलावा जो CCTV, वीडियो या सोशल मीडिया में ऐसी हरकते करते हुए दिख रहे हैं या शांति भंग करते दिख रहे तो उन लोगों पर भी हम कार्रवाई कर रहे हैं. आरोप तो लगा रहे हैं पर पुलिस वहां पर थी, इसीलिए हमारे 33 पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं. इसमें जो-जो लोग शामिल थे, उनपर अगर और भी गंभीर धाराएं लगानी पड़ी तो लगाएंगे. किसी को घबराने की जरुरत नहीं है. अगर आपको लगता है आपके आस-पास कोई उपद्रवी है तो हमें जानकारी दें, जो लोग भी इन्वॉल्व है, सब पर कार्रवाई होगी.
बीजेपी और शिवसेना के नेताओं ने संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया. वहीं नागपुर हिंसा पर शिवसेना यूबीटी नेता सचिन अहीर ने कहा, "हमें इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. दोषियों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए. इस तरह के मुद्दे (औरंगजेब) को भड़काने की क्या जरूरत है?"
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "नागपुर में शांति होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. बीजेपी ने अपनी सहयोगी एजेंसियों को ऐसी परिस्थितियों में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति कैसे दे दी? अपनी अक्षमताओं से लोगों का ध्यान हटाने के लिए वे इस तरह की घटनाओं को हवा दे रहे हैं."
नागपुर हिंसा पर शिवसेना विधायक मनीषा कायंदे ने कहा, "हम नागपुर हिंसा की निंदा करते हैं. अफवाह फैलाने वालों को सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए और सजा मिलनी चाहिए. महाराष्ट्र में ऐसी चीज बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जिस तरह से बड़े पैमाने पर पत्थरबाजी हुई और हिंसा भड़की, वह बिना किसी पूर्व तैयारी के नहीं हो सकती थी. राज्य सरकार को विधानसभा के दोनों सदनों में बयान देना चाहिए."
महाराष्ट्र के नागपुर में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने को लेकर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना का आंदोलन शुरू हो गया है.
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने नागपुर की घटना पर कहा कि बीजेपी यही चाहती थी और वही हो रहा है.
महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री योगेश कदम ने बताया है कि हिंसा की वजह पता नहीं चली है. अभी तक 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मामले की जांच चल रही है. कुछ लोग ग्रुप में आए और वहां हंगामा हुआ. दो-तीन लोगों की चोट लगी है, लेकिन वह गंभीर नहीं है.
नागपुर के पुलिस आयुक्त ने बताया कि हिंसा के भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 लागू है. नागपुर शहर के पुलिस जोन 3, जोन 4 और जोन 5 में संचार बंदी लागू की गई है. वहीं मेडिकल कारण छोड़कर 5 से अधिक लोगों के जमा होने पर रोक है. फिलहाल इलाके में शांति है.
नागपुर के राजपरिवार के सदस्य राजे मुधोजी भोसले ने कहा, "यह बहुत दुखद घटना है. नागपुर के इतिहास में ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई. जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए और प्रशासन को भी सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटना फिर कभी न हो. सुबह जो कुछ भी हुआ उसे गंभीरता से नहीं लिया गया, जिसके कारण शाम को इतनी बड़ी घटना हो गई. कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया, घरों पर हमला किया गया. मुझे नहीं लगता कि इसमें स्थानीय लोग शामिल थे. बाहरी लोगों के साथ कुछ असामाजिक तत्व भी शामिल रहे होंगे.
नागपुर के हिंसा प्रभावित हंसपुरी इलाके के एक स्थानीय दुकानदार ने बताया, "रात 10.30 बजे मैंने अपनी दुकान बंद की. अचानक मैंने देखा कि लोग गाड़ियों में आग लगा रहे हैं. जब मैंने आग बुझाने की कोशिश की तो मुझे पत्थर से मारा गया. मेरी दो गाड़ियां और पास में खड़ी कुछ और गाड़ियां भी जला दी गईं." एक अन्य स्थानीय व्यक्ति ने बताया, "पूरी घटना के डेढ़ घंटे बाद पुलिस यहां आई. ऐसा करने वाले लोगों ने सबसे पहले सीसीटीवी कैमरों को निशाना बनाया और उन्हें नुकसान पहुंचाया.
नागपुर मध्य से बीजेपी विधायक प्रवीण दटके ने कहा कि ये प्लांड घटना है. सारे CCTV फुटेज हैं. हम सब मुख्यमंत्री को दिखाएंगे. मुझे दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि यहां की पुलिस कल हिंदुओं के साथ नहीं थी.
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, "पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है, वे क्या करेंगे? यह सब पुलिस की निगरानी में हो रहा है. यह सीएम का घर है, इसलिए उन्हें देखना चाहिए कि क्या हो रहा है. अगर आप नफरत फैलाएंगे, तो देश में शांति भंग होगी और विकास नहीं होगा. अगर उन्होंने सरकार बनाई है, तो उन्हें लोगों के कल्याण के लिए काम करना चाहिए, लेकिन वे 400 साल पुराने मुद्दों को खोद रहे हैं.
AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा, "हम ऐसी हर हिंसा की निंदा करते हैं. महाराष्ट्र सरकार को इस बात की जांच करनी चाहिए कि ऐसी हिंसा क्यों हुई, भाजपा में कुछ लोग हैं, जो नफरत फैलाते रहते हैं. हम कहते रहे हैं कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. भाजपा 400 साल पुराने औरंगजेब का मुद्दा उठाकर ध्यान भटका रही है.
सांगली से निर्दलीय सांसद विशाल प्रकाशबापू पाटिल ने कहा, "मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. सांप्रदायिक हिंसा हमेशा राजनीतिक लाभ के लिए की जाती है. जो लोग इसे बढ़ावा दे रहे हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि महाराष्ट्र के मुसलमानों का औरंगजेब से कोई लगाव नहीं है. इसलिए इसे धार्मिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए.
कांग्रेस सांसद श्यामकुमार बर्वे ने कहा, "जिस तरह की कोशिश की जा रही है, नागपुर में हिंदू-मुस्लिम झड़प कभी नहीं हुई. मैं दोनों समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील करना चाहता हूं. ऐसी घटनाओं के जरिए मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है.
नागपुर पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर कुमार सिंगल ने बताया कि नागपुर शहर के कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है. यह कर्फ्यू अगले आदेश तक लागू रहेगा.
बीजेपी नेता अनिल बोंडे ने कहा, "औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. अब, महाराष्ट्र में, कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) के नेता बयान देते हैं जैसे कि जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि अगर औरंगजेब नहीं होते, तो छत्रपति शिवाजी महाराज भी नहीं होते. जो लोग संगठित अपराध में शामिल हैं, वे हिंसा शुरू करने के लिए उकसाए जाते हैं, यही नागपुर में हुआ है. देवेंद्र फडणवीस की सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसी चीजें की जा रही हैं. देवेंद्र फडणवीस सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी."
नागपुर हिंसा मामले में डीसीपी निकेतन कदम समेत पांच पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है. हिंसा में 20 आरोपियों को पुलिस ने अभी पकड़ा है. मोबाइल वीडियो और CCTV फुटेज के ज़रिए बाकी आरोपियों की तलाश जारी है. हिंसा में 4-5 आम लोग के घायल होने की भी खबर है. 20 से ज़्यादा वाहन जलाए गए हैं, जिसमें 2 जेसीबी शामिल हैं. नागपुर पुलिस पूरी रात कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाएगी.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, "केन्द्र और राज्य दोनों जगह बीजेपी की सरकार है. 300 साल के इतिहास में पहली बार नागपुर में दंगा हो रहा है. मुख्यमंत्री जहां से आते हैं. जिस जिले से आते हैं, वहां दंगा हो रहा है. औरंगज़ेब का इतिहास 300 साल पुराना है. आज इसको लेकर विवाद क्यों हो रहा है? यह मुद्दा किसको सूट करता है? विवाद की राजनीति की जा रही है. नागपुर का इतिहास भाईचारे का इतिहास है उस इतिहास को बनाए रखें. बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद ने आज प्रर्दशन किया था, तो सुरक्षा की क्या व्यवस्था थी?
नागपुर पुलिस का कहना है- महाल इलाके में पत्थरबाजी और आगजनी की घटना के बाद नागपुर पुलिस ने शहर में निषेधाज्ञा जारी कर दी है. अब तक 20 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस अपराधियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज और उनके पास मौजूद दूसरे वीडियो क्लिप्स को खंगाल रही है, मामले में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है. पुलिस ने शहर में शांति बनाए रखने और नागपुर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने की अपील भी की है.
नागपुर हिंसा मामले में महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा, "नागपुर शहर में रात में पथराव और आगजनी की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं सभी नागपुरवासियों से आग्रह करता हूं कि वे अफवाहों पर भरोसा न करें. नागपुरवासियों को शांति बनाए रखनी चाहिए. नागपुर में सभी धर्मों के लोग बहुत खुशी और आनंद के साथ रहते हैं. नागपुर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का शहर है. यह गृह विभाग की विफलता है कि इस शहर में इतना तनाव है, पथराव और आगजनी हो रही है और पुलिस को इसकी कोई जानकारी नहीं है. पिछले कुछ दिनों से राज्य के कैबिनेट मंत्री भड़काऊ बयान देकर सामाजिक पीड़ा पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. नागपुर में उनकी कोशिशें सफल होती दिख रही हैं."
नागपुर में हुई हिंसा पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "नागपुर के महाल इलाके में जिस तरह से स्थिति तनावपूर्ण हुई, वह बेहद निंदनीय है. कुछ लोगों ने पुलिस पर भी पत्थरबाजी की यह गलत है. मैं स्थिति पर नज़र रख रहा हूं. मैंने पुलिस कमिश्नर से कहा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जो भी सख्त कदम उठाने की ज़रूरत है, वे उठाए जाएं. अगर कोई दंगा करता है, पुलिस पर पत्थरबाजी करता है या समाज में तनाव पैदा करता है, तो ऐसे सभी लोगों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. मैं सभी से अपील करता हूं कि नागपुर की शांति भंग न हो, इस बात का ध्यान रखें. अगर कोई तनाव पैदा करने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने CP से कहा कि शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए कड़ी करवाई करने के निर्देश दिए हैं."
नागपुर हिंसा मामले में स्थानीय निवासी सुनील पेशने, जिनकी कार हिंसा में आग के हवाले कर दी गई, उन्होंने बताया, "यह घटना रात करीब 8.30 बजे हुई. 500-1000 लोगों की भीड़ ने पथराव किया. उन्होंने हमारी कार भी जला दी. उन्होंने करीब 25-30 वाहनों में तोड़फोड़ की."
नागपुर हिंसा मामले में स्थानीय निवासी माधुरी पेशने ने बताया, "वे पत्थर लेकर इधर-उधर भाग रहे थे. उन्होंने हमारे घर पर पत्थर फेंके, यहां तक कि ऊपरी मंजिल पर रहने वाले बच्चों पर भी. उन्होंने हमारे दरवाजे और खिड़कियां तोड़ दीं. उन्होंने हमारी कार में आग लगा दी. भीड़ में करीब 1000 लोग थे."
नागपुर हिंसा मामले में 40-45 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. वहीं, पुलिस की करीब 20 टीमें गठित की गई हैं. इन सभी से रात भर पुलिस पूछताछ करेगी. भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर इन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और कल कोर्ट में पेश किया जाएगा.
शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा, "राज्य की कानून व्यवस्था पहले से कहीं ज़्यादा चरमरा गई है। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का गृहनगर नागपुर भी इसका सामना कर रहा है."
महाराष्ट्र बीजेपी चीफ चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि इसके पीछे जो भी होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा. नागपुर की जनता हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब भाई-भाई के आधार पर रहती है. मैं जनता से अपील करता हूं कि झूठी अफवाहों पर ध्यान न दें.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने दावा किया कि ये सब प्लानिंग के साथ हुआ है. पुलिस पर पथराव करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. औरंगजेब के सर्मथक हमारे दुश्मन हैं.
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने एक्स पर लिखा, "महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और भाजपा की पूरी कैबिनेट आज बहुत ख़ुश होगी, पिछले कुछ हफ़्तों से जो नफ़रत की फसल महाराष्ट्र में भाजपा बो रही थी वो पक कर तैयार है, मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस जी के गृह क्षेत्र नागपुर में सांप्रदायिक हिंसा की ख़बर आ रही है. नरेंद्र मोदी जी अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को संभालिये, नफ़रत से देश का भला नहीं होगा. नागपुर की अवाम से शांति की अपील करता हूँ.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर पुलिस कमिश्नर रविन्द्र सिंगल से बात की. उन्होंने एक वीडियो मैसेज में कहा है कि जिस तरह से तनाव की स्थिति निर्माण हुई ये बहुत निंदनीय है. मैं खुद नजर रख रहा हूं. कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मैंने पुलिस कमिश्नर से कड़े से कड़े कदम उठाने को कहा है. जो दंगा करता है और पुलिस पर पथराव करता है ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी शांति की अपील की है. उन्होंने कहा कि अफवाह फैलाकर धार्मिक तनाव की स्थिति पैदा की गई है. नागपुर के निवासियों से मेरी विनती है कि शांति बनाए रखें. जिन लोगों ने कानून को हाथ में लेने की कोशिश की है उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी.
नागपुर हिंसा मामले में पुलिस ने 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. सूत्रों इसकी जानकारी दी. पुलिस ने मामले की जांच के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं. क्राइम ब्रांच ह्यूमन इंटेलीजेंस के ऊपर काम कर रही है. साइबर टीम सोशल मीडिया स्कैन कर रही है. नागपुर पुलिस ने टेलीकॉम कंपनियों से डंप डेटा मांगा है.
नागपुर में हिंसा के बाद धारा 163 लागू कर दी गई है. डीसीसी निकेतन कदम पर जानलेवा हमला हुआ है. उन पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया है. वो गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.
नागपुर के पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है. इस मामले में कार्रवाई की जा रही है. पथराव हुआ है क्योंकि यहां पर कुछ कंस्ट्रक्शन का काम चालू था. हिंसा कैसे हुई इसकी हम जांच कर रहे हैं. कुछ लोगों को चोटे आई हैं.
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि नागपुर के महाल क्षेत्र में औरंगजेबी मानसिकता के जिहादी उत्पातियों ने आज अभी कुछ समय पूर्व ही सुनियोजित षडयंत्र के तहत बड़ी तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा की गई है. रोजे के दौरान भी जिहादियों ने मस्जिद से निकलकर हिंदू घरों, दुकानों व वाहनों के साथ पुलिस कर्मियों तक को नहीं छोड़ा. घटना बेहद दर्दनाक व निंदनीय है. समुचित कार्यवाही जरूरी है.
नागपुर में हुए बवाल पर शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटील ने कहा कि नागपुर शांतिप्रिय शहर है. जो हुआ है उसे रोकने की आवश्यकता है. ये शहर देवेंद्र फडणवीस की विधानसभा है. नितिन गडकरी भी यही से आते हैं. सारे लोगों को मिलकर शांति की कोशिश करनी चाहिए. कभी ऐसी घटना यहां पर हुई नहीं थी.
पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. भीड़ ने दो जेसीबी को आग के हवाले कर दिया. पुलिस एहतियात के तौर पर कुछ लोगों को पकड़ भी रही है. पुलिस शांति को स्थापित करने की कोशिश में लगी है.
नागपुर के महाल में तनाव के बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शांति की अपील की है. यहां पत्थरबाजी की गई और आगजनी की भी घटनाएं सामने आई हैं. हालात बेकाबू हो गए. पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है. इससे पहले दिन में हिंदूवादी संगठनों में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. शाम होते होते नागपुर में माहौल खराब हो गया.
विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग करते हुए नांदेड़ में विरोध प्रदर्शन किया.
एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे ने कल एमएनएस पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है. बैठक में एमएनएस नेता, महासचिव, मुंबई के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. शाम 6 बजे सावरकर ऑडिटोरियम, शिवाजी पार्क में बैठक होगी. कल की बैठक एमएनएस की गुड़ीपड़वा बैठक की पृष्ठभूमि में होगी. 30 मार्च को एमएनएस की गुढ़ीपड़वा सभा शिवाजी पार्क में होगी. यहां राज ठाकरे औरंगजेब के मुद्दे पर अपनी भूमिका रखेंगे.
शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने औरंगजेब की कब्र पर बिना कुछ बोले उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों और दलों का एक ही मकसद है, शिवाजी का अपमान करना. हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे!
शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने औरंगजेब के मकबरे को लेकर उठे विवाद पर कहा कि इस पर उद्धव ठाकरे और कांग्रेस नेता राजनीति कर रहे हैं. उन्हें अल्पसंख्यकों का वोट चाहिए. उद्धव ठाकरे औरंगजेब के मकबरे का समर्थन कर रहे हैं. उन्हें अब स्पष्ट करना चाहिए कि वह औरंगजेब के मकबरे का समर्थन करते हैं, क्या उन्होंने पहले बाबरी ढांचे का भी समर्थन किया था?
एनसीपी अजित पवार के नेता अमोल मिटकरी का कहना है कि विश्व हिंदू परिषद को जिन्होने छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज के खिलाफ आवाज उठाई, के विरोध मे आंदोलन क्यों नहीं करते? आप में हिम्मत है तो पहले इनके कब्र को खोदो, फिर औरंगजेब की कब्र की बात करो. इतिहासकार होने के नाते औरंगजेब का कब्र एक इतिहास है. हमें इसे नहीं मिटाना चाहिए.
एनसीपीएसपी नेता रोहित पवार का दावा है कि सत्ताधारी पार्टी के पास मुद्दे बचे नहीं हैं. इसके जरिए प्रदेश में किसान की समस्या, आत्महत्या और अन्य समस्याओं से ध्यान हटाने की कोशिश हो रही है. हम लोग 200 साल बाद आने वाली पीढ़ी को क्या बताएंगे? क्या इतिहास दिखाएंगे? सत्ताधारी पार्टी इतिहास मिटाने की कोशिश कर रही है. बीजेपी के कार्यकर्ता कोरटकर और सोलापूरकर का क्या हुआ?
महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायक अमित देशमुख औरंगजेब की कब्र को कोई मुद्दा नहीं मानते हैं. जिन मसलों पर बात होनी चाहिए उस पर चर्चा नहीं हो रही है. औरंगजेब की कब्र तोड़ना है या नहीं, इस पर महायुति सरकार अपनी राय साफ करे. अगर लोकभवाना की बात है तो हम उनके साथ हैं.
शिव सेना यूबीटी विधायक अंबादास दानवे के मुताबिक संभाजीनगर मे एकदम शांति है. कहीं पर कोई खराब माहौल नहीं है. सबकुछ ठिकठाक चल रहा है, जो महाराष्ट्र पर राज करने आया था, उस औरंगजेब को इसी महाराष्ट्र की मिट्टी में दफना दिया था. यह इतिहास है. अब इतिहास को मिटाने की कोशिश हो रही है. कोरटकर और सोलापूरकर ने छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान किया है. उन्हें अभी तक अरेस्ट क्यों नहीं किया?
महाराष्ट्र बीजेपी के विधायक योगेश सागर ने औरंगजेब विवाद पर कहा कि इस मसले पर शरद पवार की पार्टी मुस्लिमों का समर्थन करती आई है. उनकी पार्टी का प्यार अलग है, इसलिए रोहित पवार औरंगजेब के समर्थन में बोल रहे हैं. ये लोग सेक्युलर पॉलिटिक्स करते हैं. यह सब वोटों के लिए कर रहे हैं.
महाराष्ट्र के नेता संजय गायकवाड ने का कहना है कि औरंगजेब की कब्र को हटना चाहिए. नहीं हटाया गया तो इसे शिव प्रेमी हटाएंगे. बाबरी पार्ट-2 नहीं, यह उससे भी उससे भी बड़ा आंदोलन होगा. संभाजी नगर में औरंगजेब की कब्र नहीं होनी चाहिए. सामना में अब छत्रपति शिवाजी महाराज के खिलाफ बात हो रही है. औरंगजेब की भाषा अब सामना वाले बोल रहे हैं. इतिहास कब्र में नही, पन्नों मे लिखा जाता है.
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