Virar Sewage Plant: मुंबई के विरार में एक आवासीय टाउनशिप के भीतर एक निजी सीवेज उपचार संयंत्र की सफाई करते समय कथित तौर पर जहरीली गैसों की चपेट में आने से चार लोगों की जान चली गई. दो अन्य कर्मचारी जो उन्हें ढूंढने के लिए प्लांट के पास गए थे, उन्होंने बेचैनी की शिकायत की और उन्हें इलाज की जरूरत थी. घटना के बाद, रखरखाव एजेंसी के पर्यवेक्षक महादेव कुपाटे को लापरवाही से मौत के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. जिनकी मौत हुई उनकी उम्र 20 साल के आसपास थी.


दम घुटने से 4 की मौत
प्रारंभिक जांच से पता चला कि सभी कर्मचारी वसई के रहने वाले थे और बिना किसी सुरक्षा उपकरण के सीवेज प्लांट में प्रवेश कर गए थे. अर्नाला पुलिस और वसई-विरार नगर निगम के अग्निशमन कर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए घटनास्थल से शवों को निकाला. मृतक व्यक्तियों की पहचान शुभम पारकर (28), अमोल गथल (27), निखिल गथल (24) और सागर तेंदुलकर (29) के रूप में की गई, जिन्होंने अस्पताल पहुंचने पर दम तोड़ दिया. उनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.


एक पुलिस अधिकारी ने कहा, मुंबई के बाहरी इलाके विरार (पश्चिम) में निजी आवास परिसर में 25 फीट गहरा सीवेज उपचार संयंत्र है और इसे साफ करने के लिए मजदूरों को काम पर रखा गया था. विरार पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि 20 साल की उम्र के चार मजदूर सुबह करीब 11.30 बजे सफाई के लिए संयंत्र में दाखिल हुए, लेकिन बाहर नहीं आए. उन्होंने कहा कि स्थानीय अग्निशमन सेवा कर्मियों को तुरंत बुलाया गया.


मौके से बरामद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. अधिकारी ने बताया कि दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया गया है और पुलिस घटना की जांच कर रही है.


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