Torres Ponzi Case: महाराष्ट्र के टोरेस पोंजी स्कैम मामले में शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन के बाद EOW को भी एक व्हिसलब्लोअर ने नवम्बर महीने में अलर्ट किया था, पर EOW भी कार्रवाई करने में असमर्थ नजर आई. एबीपी न्यूज़ को हाथ लगे पत्र के मुताबिक EOW को धारावी में रहने वाले एक शख्स ने 16 नवंबर को पत्र लिखकर टोरेस स्कैम के बारे में अलर्ट किया था.
सूत्रों ने बताया कि EOW ने इस पत्र के आधार पर 9 दिसंबर को व्हिसलब्लोअर को पत्र लिखकर पूछताछ के लिए जांच अधिकारी के सामने पेश होने को कहा था. लेकिन जब वो 9 दिसंबर को नहीं आ पाया तब EOW में उसे 12 और 13 दिसंबर को बुलाया गया, पर वो व्हिसलब्लोअर 19 दिसंबर को आया और अपना बयान दर्ज कराया.
अधिकारी ने क्या कहा?एक अधिकारी ने बताया कि व्हिसलब्लोअर ने इस स्कैम की आशंका जताई और बताया कि उसे शक है कि ये लोग स्कैम कर रहे हैं, जिसके बाद पुलिस ने उससे किसी भी ऐसे व्यक्ति की जानकारी देने को कहा जिसने वहां इन्वेस्ट किया हो और यह जानकारी उनके (व्हिसलब्लोअर) के पास नहीं थी. इसके बाद उसने समय मांगा और फिर हमने उसे 22-23 दिसंबर को फिर बुलाया पर तब भी उसके पास कोई इन्वेस्टर नहीं था.
जनता के आक्रोश के साथ आया बाहर इसके बाद पुलिस नए साल के बंदोबस्त में व्यस्त हो गई और जब 2 जनवरी को सभी रेग्युकर कार्यालय आये तब उन्होंने ROC को लेटर लिखा और कंपनी की जानकारी मांगी. जब तक EOW कुछ और आगे बढ़ती यह पूरा स्कैम जनता के आक्रोश के साथ बाहर आया.
अब तक 2 हजार से ज्यादा शिकायतेंजांच में पता चला है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान डोंगरी पुलिस ने 62 लाख रुपये जब्त किए थे और तजागुल खटासोवा ने कथित तौर पर मामले के सेटलमेंट के लिए इंटरफेयर किया था. इस संदर्भ में EOW आयकर विभाग से भी जानकारी इकट्ठा कर रही है. अब तक 2000 शिकायतकर्ता सामने आए हैं, जिन्होंने लगभग 39 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी रिपोर्ट की है. अब तक EOW ने 11 टोयोटा ग्लैंजा कारों सहित 21 करोड़ रुपये की वस्तुएं और कैश जब्त किए हैं.