मुंबई के वांद्रे इलाके में स्थित ठाकरे परिवार के निवास स्थान ‘मातोश्री’ के आसपास ड्रोन दिखाई देने के मामले में अब बड़ा खुलासा हुआ है. एमएमआरडीए ने ड्रोन को लेकर आधिकारिक खुलासा किया. एमएमआरडीए ने बताया कि पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट के सर्वेक्षण के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा था.

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एमएमआरडीए का दावा है कि पुलिस से सभी आवश्यक अनुमति लेकर ही सर्वेक्षण किया गया. कुर्ला से बांद्रा होते हुए बीकेसी तक सर्वेक्षण जारी था. 8 और 9 नवंबर को दो दिनों तक सर्वेक्षण किया गया. एमएमआरडीए का दावा सर्वेक्षण सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था के माध्यम से किया गया. पुलिस और एमएमआरडीए अधिकारियों की मौजूदगी में सर्वेक्षण हुआ.

आदित्य ठाकरे ने MMRDA को टैग कर उठाए थे सवाल

आपको बता दें कि आदित्य ठाकरे ने अपने आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “आज सुबह हमारे निवासस्थान के पास झाँकने वाला एक ड्रोन पकड़ा गया. जब मीडिया को इसकी जानकारी मिली, तब @MMRDAOfficial ने सफाई दी कि यह बीकेसी के लिए किया जा रहा सर्वे है और मुंबई पुलिस से इसकी अनुमति ली गई थी. ठीक है.”

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MMRDA ने दिया स्पष्टीकरण

दरअसल, ठाकरे परिवार के वांद्रे स्थित निवास ‘मातोश्री’ के आसपास ड्रोन उड़ते देखे गए थे जिससे सनसनी फैल गई. ये ड्रोन किसने उड़ाए और इसका मकसद क्या था, इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ था. हालांकि, एमएमआरडीए की तरफ से इस पर जवाब आ गया है.

मामले पर क्या बोली पुलिस?

वहीं, इस मामले पर मुंबई पुलिस की तरफ जारी बयान में कहा गया है कि BKC और खेरवाड़ी क्षेत्र में एमएमआरडीए द्वारा अनुमति प्राप्त ड्रोन सर्वेक्षण चल रहा है. कृपया किसी भी तरह की गलत जानकारी फैलाने से बचें. पुलिस ने यह भी बताया कि यह ड्रोन संभवतः उसी सर्वेक्षण का हिस्सा था और किसी निजी निगरानी का मामला नहीं है.

आपको बता दें कि मातोश्री के आसपास ड्रोन उड़ाए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम है. चर्चा यह भी थी कि क्या ठाकरे परिवार की जासूसी की जा रही थी?