मुंबई के बांद्रा इलाके में स्थित ठाकरे परिवार के निवास 'मातोश्री' के बाहर शनिवार (8 नवंबर) को एक अज्ञात ड्रोन उड़ता हुआ दिखाई दिया. जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, इलाके में हड़कंप मच गया. हाई सिक्योरिटी जोन माने जाने वाले इस क्षेत्र में ड्रोन की मौजूदगी ने सुरक्षा एजेंसियों और ठाकरे गुट दोनों को चिंतित कर दिया है.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह ड्रोन मातोश्री और एमएमआरडीए कार्यालय के बीच की सड़क पर कुछ देर तक उड़ता हुआ नजर आया. मातोश्री की सुरक्षा में तैनात कर्मियों ने ड्रोन को देखते ही तुरंत उसका वीडियो रिकॉर्ड किया और संबंधित सुरक्षा अधिकारियों को इसकी जानकारी दी.
मातोश्री परिसर में ड्रोन उड़ने से मचा हड़कंप
जानकारी के अनुसार, इस घटना के बाद ठाकरे गुट ने आरोप लगाया कि इस ड्रोन के जरिए उद्धव ठाकरे से मिलने आने वाले लोगों की जासूसी की जा रही थी. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि मातोश्री परिसर हाई सिक्योरिटी जोन में आता है. इसके बावजूद ऐसे ड्रोन का उड़ना सुरक्षा की दृष्टि से बेहद गंभीर मामला है. क्या कोई मातोश्री की जासूसी कर रहा है? यह जानने की जरूरत है.
घटना पर पुलिस ने क्या दिया बयान
वहीं, इस मामले पर मुंबई पुलिस ने स्थिति स्पष्ट करते हुए एक बयान जारी किया. पुलिस ने कहा कि BKC और खेरवाड़ी क्षेत्र में एमएमआरडीए द्वारा अनुमति प्राप्त ड्रोन सर्वेक्षण चल रहा है. कृपया किसी भी तरह की गलत जानकारी फैलाने से बचें. पुलिस ने यह भी बताया कि यह ड्रोन संभवतः उसी सर्वेक्षण का हिस्सा था और किसी निजी निगरानी का मामला नहीं है.
हालांकि ठाकरे गुट इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं दिख रहा है. उनका कहना है कि चाहे ड्रोन सर्वे की अनुमति हो या नहीं, लेकिन मातोश्री के ऊपर या उसके आसपास ऐसे उपकरणों की उड़ान पूरी तरह प्रतिबंधित होनी चाहिए.
रेड जोन में आता है मातोश्री परिसर
गौरतलब है कि ड्रोन नीति के अनुसार, मुंबई के कई इलाके विशेष रूप से वीआईपी और सरकारी आवासीय क्षेत्र रेड जोन में आते हैं, जहां बिना विशेष अनुमति के ड्रोन उड़ाना पूरी तरह प्रतिबंधित है.
इस घटना के बाद से मातोश्री के आसपास सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है. स्थानीय पुलिस ने भी आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि ड्रोन कहां से उड़ाया गया था और किस उद्देश्य से मामले की जांच जारी है. सुरक्षा एजेंसियां किसी भी संभावित खतरे या जासूसी की संभावना से इनकार नहीं कर रही हैं.
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