मुंबई में मुंब्रा रेल हादसे के बाद रेलवे ने सुरक्षा को लेकर अहम कदम उठाते हुए बंद दरवाजों वाली लोकल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है. इसका ट्रायल रन मुंबई के कुर्ला कार्शेड में किया जा रहा है. इसमें मध्य रेलवे के जीएम धर्मवीर मीणा ने निरीक्षण किया. साल के अंत तक यह नई सुविधा यात्रियों के लिए उपलब्ध हो जाएगी, ताकि भीड़भाड़ में सुरक्षा बढ़ाई जा सके.

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ऑटोमेटिक दरवाजों की शुरुआत और महत्व

मुंबई उपनगरीय रेलवे में ऑटोमेटिक दरवाजों वाली ट्रेनें भविष्य में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाई जा रही हैं. नई ट्रेनों में दरवाजे अपने आप बंद होंगे और पुरानी ट्रेनों के दरवाजों को भी बदलकर ऑटोमेटिक किया जाएगा. रेलवे का उद्देश्य ऐसी घटनाओं को पूरी तरह से रोकना है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा बढ़े और दुर्घटनाओं की संभावना कम हो. ट्रायल रन के दौरान दरवाजों की कार्यप्रणाली और समयबद्ध बंद होने की जांच की जा रही है.

मुंब्रा रेल हादसे की घटना

मुंब्रा रेल हादसा CSMT की ओर जा रही एक लोकल ट्रेन में हुआ. मुंब्रा स्टेशन पर कुछ यात्रियों ने संतुलन खो दिया और वे चलते ट्रेन से नीचे गिर गए. प्रारंभिक जांच में पता चला कि लगभग 10–15 यात्री ट्रेन से गिर गए. हादसे के तुरंत बाद रेलवे और पुलिस मौके पर पहुंचे और घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. सेंट्रल रेलवे का मानना है कि भीड़भाड़ इस हादसे का मुख्य कारण थी.

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रेलवे की सुरक्षा पहल और भविष्य की योजना

मुंब्रा हादसे के बाद रेलवे ने घोषणा की कि मुंबई उपनगरीय डिवीजन की सभी नई लोकल ट्रेनों में ऑटोमेटिक दरवाजे होंगे. इसके अलावा पुरानी ट्रेनों के दरवाजों को भी बदलकर ऑटोमेटिक किया जाएगा. यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और भीड़ में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है. ट्रायल रन के सफल होने के बाद यह सुविधा साल के अंत तक आम जनता के लिए उपलब्ध कराई जाएगी. यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे भविष्य में और अधिक तकनीकी सुधार भी करने की योजना बना रहा है.