CBI Raid In Navi Mumbai: करोड़ों रुपये की कर चोरी के मामले में नवी मुंबई की एपीएमसी ड्राई फ्रूट मार्केट में बड़ा खुलासा हुआ है. अखरोट के आयात में जानबूझकर मूल्य कम दिखाकर (अंडर इन्वॉयसिंग) टैक्स बचाने की रणनीति अपनाई गई थी, जिसे लेकर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने कार्रवाई शुरू कर दी है. बीते सात दिनों से बाजार में जांच अभियान चल रहा है, जिससे व्यापारियों में भारी हलचल मच गई है.
जानकारी के मुताबिक, कुछ व्यापारी विदेशों, विशेषकर चिली से आयात किए गए अखरोट की कीमत चालानों में कम दर्ज कर रहे थे, जिससे कस्टम ड्यूटी और अन्य टैक्स कम चुकाए जा सकें. इस तरह की गतिविधि सरकार को राजस्व में नुकसान पहुंचाती है और बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को भी प्रभावित करती है.
कर्मचारियों की आवाजाही पर रखी जा रही है सख्त निगरानी CBIC की इंटेलिजेंस यूनिट, मुंबई जोन के तहत, लगभग 15-20 अधिकारियों की टीम पिछले सप्ताह से एशिया की सबसे बड़ी थोक मंडी — एपीएमसी ड्राई फ्रूट मार्केट में तलाशी अभियान चला रही है. जांच के चलते कई व्यापारियों ने अपनी दुकानें व गोदाम बंद कर दिए हैं, जबकि कुछ ने केवल आधा शटर खोला है. सभी कर्मचारियों की आवाजाही पर सख्त निगरानी रखी जा रही है.
गहराई से की जा रही है जांच सूत्रों का कहना है कि टैक्स चोरी के इस मामले में व्यापारियों ने एक से अधिक कंपनियों के नाम पर अलग-अलग चालानों के जरिए हेरफेर की है और हवाला चैनलों का इस्तेमाल कर आयात के लिए भुगतान किया गया है. ये सभी गतिविधियां कानून के दायरे से बाहर हैं और अब इनकी गहराई से जांच की जा रही है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कई व्यापारी नेपाल के रास्ते अखरोट भारत मंगवाते हैं ताकि वे सीधा आयात दिखाकर टैक्स न देना पड़े. साथ ही, VLI (Very Low Invoice) के तहत दर्ज किए गए माल का मूल्यांकन संदेह के घेरे में है, जिसे लेकर विभाग जांच व पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया अपना रहा है.
इस पूरे मामले में यह भी देखा जा रहा है कि क्या अखरोट के आयात के लिए आवश्यक Plant Quarantine Clearance और FSSAI की अनुमति ली गई थी या नहीं. नियमों के अनुसार, किसी भी खाद्य वस्तु के आयात से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी होता है कि उसमें कोई कीट या रोगजनक तत्व न हो.
टैक्स चोरी के आम तौर पर अपनाए जाने वाले तरीके:
कम इनवॉयस दिखाना: विदेश से आयात करते समय जानबूझकर कम मूल्य दर्शाना.
कम टैक्स भुगतान: कम मूल्यांकन के आधार पर कस्टम ड्यूटी और GST की चोरी.
हवाला लेनदेन: वैध भुगतान प्रक्रिया को दरकिनार कर गुप्त चैनलों से पैसे भेजना.
क्लीयरेंस में हेरफेर: FSSAI और क्वारंटाइन अनुमति में धांधली.
फिलहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारी इसकी हर कोण से जांच कर रहे हैं. कितने करोड़ों की कर चोरी हुई है, इसका आकलन जारी है.
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