Nanded Hospital Tragedy: महाराष्ट्र के नांदेड़ (Nanded) में डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (Dr. Shankarrao Chavan Govt Medical College & Hospital ) में बीते 48 घंटों में 31 मरीजों की मौत हो गई है. घटना के बाद राज्य सरकार ने जांच के लिए तीन डॉक्टरों की एक कमेटी का गठन कर दिया है. वहीं, इस मामले में राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिश महाजन (Girish Mahajan) ने कहा कि 'मैं तीन-चार महीने पहले यहां आया था. लोगों से काफी शिकायतें मिली थीं.''


गिरीश महाजन ने जब अस्पताल का दौरा किया तो उन्हें पत्रकारों के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा. पत्रकारों ने उनसे पूछा कि जब आपने मंत्री पद का प्रभार संभाला तो क्या किसी ने सरकारी अस्पतालों की स्थिति के बारे में आपको नहीं बताया? या आपने कभी इसकी स्थिति को लेकर कोई बैठक नहीं की या कभी निरीक्षण करने नहीं आए? इस पर गिरीश महाजन ने कहा, ''तीन-चार महीने पहले आया था और अस्पताल का निरीक्षण किया था. बहुत सारे लोगों की शिकायतें मिली थीं. यहां काफी अस्वच्छता थी, सफाई का मसला था. मैन पावर का मसला था.''



क्लास-3 और 4 के लिए होंगी 5500 पोस्टिंग
मंत्री गिरीश महाजन ने पत्रकारों को आगे बताया, ''हमने क्लास 3 और 4 के लिए 5500 लोगों की भर्ती की है. कोर्ट से स्टे आ गया था इसलिए पोस्टिंग नहीं हो पाई ,लेकिन अब स्टे हट गया है. मुझे लगता है कि एक सप्ताह के अंदर उनकी पोस्टिंग हो जाएगी.'' नांदेड़ में हुई मौत को लेकर सीएम एकनाथ शिंदे विपक्ष के हमले का सामना कर रहे हैं. इन आलोचनाओं के बीच उन्होंने इस बात से इनकार किया कि दवाइयों और कर्मचारियों की कोई कमी है.


अस्पताल में नहीं कर्मचारियों की कमी- सीएम शिंदे
साप्ताहिक कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि मृतकों में से कई हृदय रोग से पीड़ित बुजुर्ग, कम वजन वाले शिशु या दुर्घटना के शिकार लोग थे. सीएम शिंदे ने कहा, ''मौतें दुर्भाग्यपूर्ण हैं. हमने घटना को बहुत गंभीरता से लिया है. जांच के आदेश दे दिए गए हैं और उचित कार्रवाई की जाएगी.''


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