देश भर में भारी बारिश के कारण किसानों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है. राज्य सरकार अपने-अपने स्तर पर मुआवजों का ऐलान भी कर रही है. वहीं महाराष्ट्र में किसानों के मुआवजे को लेकर सियासत गरमा गई है.
महाराष्ट्र में आगामी चुनावों को लेकर भी विपक्ष सरकार को हर ओर से घेरने की तैयारी में हैं. शायद यही वजह है कि मुआवजा दिलाने के लिए उद्धव ठाकरे की शिवसेना आंदोलन की तैयारी कर रही है. लेकिन इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता और मंत्री गिरीश महाजन ने तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यह सब "मगरमच्छ के आंसू" हैं.
सत्ता में अलग, विपक्ष में जाते हैं तो अलग बात करते हैं- गिरीश महाजन
गिरीश महाजन ने कहा कि हम लोग सत्ता में होते हैं तो अलग बात करते हैं, विपक्ष में जाते हैं तो अलग बात करते हैं. आप देखो जब इतनी बीमारी फैली हुई थी कोविड के समय, उद्धव जी ने घर तक नहीं छोड़ा. हजारों लोग रोज मर रहे थे, जान गंवा रहे थे. कहां थे उस वक्त उद्धव जी? वह घर पर बैठकर सब चीज कंप्यूटर पर देख रहे थे. यह तो मगरमच्छ के आंसू की बात आज हो रही है. यह तो सही है जब लोगों की जान जा रही थी तो आपके कॉर्पोरेशन में कितना करप्शन किया, क्या-क्या बातें अपनी कीं. आज क्यों झूठ रो रहे हो? यह तो मगरमच्छ के आंसू हैं, मैं तो फिर से कहूंगा.
महाजन ने आगे कहा कि उद्धव ठाकरे का किसानों से कोई लेना-देना नहीं है. "मेरी पार्टी, मेरा कॉर्पोरेशन, मेरी दुकान" इसके अलावा उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है. ढाई साल तक न मंत्रालय की सीढ़ियां चढ़ीं, न विधानभवन आए. जब लोग मर रहे थे तो कहा कि मैं घर से ही देखूंगा, बाहर नहीं आऊंगा. अब किसानों के नाम पर राजनीति की जा रही है.
संवेदनशील है वर्तमान सरकार- गिरीश महाजन
महाजन ने आगे कहा कि वर्तमान सरकार संवेदनशील है. "मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार किसानों के साथ हैं. सरकार पंचनामा तेजी से कर रही है और जैसे-जैसे काम पूरा हो रहा है वैसे-वैसे मुआवजे की रकम किसानों के खातों में डाली जा रही है. दिवाली तक सभी किसानों को राहत मिलेगी. दशहरा भले अच्छा न गया हो, लेकिन दिवाली जरूर अच्छी जाएगी."