Maratha Reservation Protest: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बुधवार को मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जारंगे से मिलने के लिए महाराष्ट्र के जालना जिले में नहीं गए, लेकिन उन्होंने कहा कि उनकी सरकार मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को पूरा करने के लिए प्रयास कर रही है. अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि कथित तौर पर राज्य के मुख्यमंत्री का जालना जाने और 29 अगस्त से अंतरवाली सरती गांव में मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे से मिलने का कार्यक्रम था, लेकिन योजना आगे नहीं बढ़ पाई. 


मनोज जारंगे ने की थी ये मांग
पीटीआई के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी मराठा आरक्षण कार्यकर्ता से मिलने के लिए जालना नहीं गए, बल्कि कुछ अन्य मंत्री उनसे मिलेंगे. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मंगलवार देर रात पत्रकारों से बात करते हुए मनोज जारंगे ने कहा था कि वह चाहते हैं कि सीएम शिंदे उनसे मिलने आएं ताकि वह अनशन वापस ले सकें.


वायरल वीडियो पर दी प्रतिक्रिया
बुधवार को एक बयान में सीएम शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार कोटा मुद्दे पर ठोस कदम और फैसले ले रही है. उन्होंने कहा, ''सोशल मीडिया पर स्थितियों और बातचीत को तोड़-मरोड़ कर पेश कर राज्य की छवि खराब करना ठीक नहीं है.'' सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि सोमवार को कोटा मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक के बाद, वह डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार से बैठक में जो हुआ उस पर सकारात्मक रूप से बात करने के बारे में बात कर रहे थे. उन्होंने कहा, "लेकिन हमारी बातचीत को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से पेश किया गया. यह शरारतपूर्ण है और लोगों के मन में संदेह पैदा करता है."


वायरल वीडियो पर विपक्ष का निशाना
शिंदे ने कहा, सोशल मीडिया के माध्यम से गलतफहमी पैदा करना और सरकार की छवि खराब करना "हमारे राज्य की संस्कृति नहीं है. किसी को भी राज्य में सकारात्मक माहौल को बिगाड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए." सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद विपक्षी नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं जिसमें वे सीएम शिंदे को घेरने की कोशिश कर रहे हैं.


ये भी पढ़ें: Maharashtra Monsoon Update: महाराष्ट्र में फिर सक्रिय हुआ मानसून, इस तारीख से होगी झमाझम बारिश, जानें- अपने शहर का हाल