Maharashtra News: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) ने दावा किया है कि अगर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले उनके नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस नहीं लिया होता, तो मराठा समुदाय को पक्का आरक्षण मिल गया होता. वहीं वरिष्ठ NCP नेता सुनील तटकरे (अजित पवार खेमा) ने अब चव्हाण पर पलटवार कर निशाना साधा है. उन्होंने आरक्षण मुद्दे पर (शरद पवार द्वारा स्थापित) पार्टी को दोषी ठहराने के पीछे की उनकी मंशा पर सवाल उठाया.


सुनील तटकरे ने पवार का नाम लिए बिना कहा, चव्हाण के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला पार्टी के शीर्ष नेता के साथ चर्चा के बाद लिया गया था. दरअसल, चव्हाण ने पुणे में मीडिया से कहा कि, अगर 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले NCP ने मेरी सरकार से समर्थन वापस नहीं लिया होता, तो हम संयुक्त रूप से चुनाव लड़ते और सत्ता में वापस आते. बॉम्बे हाई कोर्ट में हमारी आरक्षण योजना को चुनौती देने वाले मामले में हम लड़ सकते थे. साथ ही यह सुनिश्चित कर सकते थे कि हमारा फैसला अदालत में टिका रहे.


'मैंने मराठा आरक्षण के लिए निर्णायक रुख अपनाया था'
चव्हाण ने आगे कहा, 'जब मैंने राज्य का नेतृत्व किया तो 50 साल में पहली बार मराठा आरक्षण के लिए निर्णायक रुख अपनाया गया.' इस बीच चव्हाण ने कहा कि सहकारी क्षेत्र के संबंध में सख्त फैसले लेने के लिए उन्हें भारी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ी. साथ ही उन्होंने याद किया कि जब वह मुख्यमंत्री थे तो महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के निदेशक मंडल को (आरबीआई द्वारा) कैसे भंग कर दिया गया था.


'मैंने सहकारिता क्षेत्र में कुछ सख्त फैसले किए'
उन्होंने कहा कि राज्य में सहकारी समितियां अनुशासनहीन काम संस्कृति के लिए जानी जाती हैं. हर्षद मेहता घोटाले के बाद मैंने सहकारी क्षेत्र का अध्ययन किया. नवंबर 2010 में जब मैं मुख्यमंत्री बना तो मैंने सहकारिता क्षेत्र में कुछ सख्त फैसले किए. उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक को एक प्रशासक के अधीन कर दिया गया और उसके बोर्ड को हटा दिया गया. मैंने उन फैसलों के लिए राजनीतिक रूप से बहुत भारी कीमत चुकाई.


'NCP को दोष देने की मंशा नहीं समझ सकता'
वहीं चव्हाण के दावों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सुनील तटकरे ने कहा, मैं 2009-14 के दौरान राज्य मंत्रिमंडल का हिस्सा था, जब नारायण राणे की अगुवाई में एक समिति का गठन किया गया था. उन्होंने कहा कि, मराठा आरक्षण राणे समिति की रिपोर्ट के आधार पर दिया गया था, जिसे बॉम्बे हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया. तटकरे ने आगे कहा कि मैं चव्हाण जैसे वरिष्ठ नेता की NCP को दोष देने की मंशा नहीं समझ सकता. उन्होंने आरोप लगाया कि चव्हाण की वजह से कांग्रेस महाराष्ट्र में चौथे स्थान पर रही.



Maharashtra: राहुल नार्वेकर ने उद्धव गुट के सांसद संजय राउत को दी चेतावनी, बोले- 'सरकार इस बात से नहीं गिरती कि...'


खेलें इलेक्शन का फैंटेसी गेम, जीतें 10,000 तक के गैजेट्स *T&C Apply