मनोज जरांगे के नेतृत्व में मराठा आरक्षण आंदोलन पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सोमवार (1 सितंबर) को सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने आंदोलनकारियों को फटकार लगाई और आदेश दिया कि आजाद मैदान को छोड़कर सभी जगहें कल दोपहर तक खाली कर दी जाएं. हाई कोर्ट ने कहा आम आदमी का जीवन बहाल करने की जरूरत है. शहर को रोका नहीं जा सकता. कोर्ट ने कहा कि गणेश उत्सव भी है. कल शाम 4 बजे तक सड़कें खाली करवा ली जाएं.
नए आंदोलनकारियों को मुंबई में प्रवेश से रोका जाए- कोर्ट
साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर और आंदोलनकारी मुंबई आने की कोशिश करें तो राज्य सरकार को उचित कदम उठाकर उन्हें रोकना चाहिए. हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मुंबई में नए आंदोलनकारियों का प्रवेश रोका जाए और राज्य सरकार इस पर ध्यान दे.
सरकार कल कोर्ट में देगी एक्शन की जानकारी
कोर्ट ने कहा कि जरांगे को आंदोलन करने का अधिकार है लेकिन अगर कल स्कूल-कॉलेज बंद हुए तो क्या होगा? अगर नौकरीपेशा लोग ऑफिस नहीं जा पाए तो? अगर मुंबईकरों को सब्जियां नहीं मिलीं तो? अगर दूध विक्रेता घर-घर तक दूध नहीं पहुंचा पाए तो? कैसी स्थिति बनेगी, इसकी कल्पना आंदोलनकारियों को करनी चाहिए. कोर्ट ने सीएसटी, मरीन ड्राइव, फ्लोरा फाउंटेन और दक्षिण मुंबई के अन्य इलाकों से आंदोलनकारियों को हटाने का आदेश राज्य सरकार को दिया गया. कल (2 सितंबर) की सुनवाई में राज्य सरकार बताएगी कि क्या एक्शन लिया गया.
सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा
- सिर्फ़ एक दिन के लिए आंदोलन की इजाज़त दी गई थी
- बाक़ी दिनों की इज़ाज़त नहीं दी गई
- शाम 6 बजे मैदान ख़ाली करने का आदेश था
जरांगे के वकील ने कहा कि सरकार ने पहले इजाज़त दी थी अब मना कर रही है. इस पर कोर्ट ने कहा कि इजाजत पत्र दिखाइए. सरकार ने कहा कि आमरण अनशन के लिए इजाजत नहीं दी थी. कोर्ट ने कहा कि 5 हजार से ज्यादा लोगो को आंदोलन में लाने में पर आयोजकों की जिम्मेदारी होगी.
मनोज जरांगे के वकील ने क्या कहा?
- 5000 से ज़्यादा आंदोलनकारियों के लिए सरकार को ही वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए
- ताकि आंदोलनकारी सड़कों पर भटकें नहीं
- यह दलील मनोज जरांगे के वकील ने हाईकोर्ट में दी
- वानखेड़े स्टेडियम और ब्रेबोर्न स्टेडियम आंदोलनकारियों के लिए खोलने की मांग की
- सरकार को निर्देश देने की कोर्ट से अपील
आप आदेशों का ठीक से पालन नहीं कर रहे- कोर्ट
- आप पहले के आदेशों का ठीक से पालन नहीं कर रहे
- वानखेड़े और ब्रेबोर्न स्टेडियम आइकॉनिक स्थल हैं
- इन्हें खोलने की मांग आप कैसे कर सकते हैं?
- आपके समर्थक वहां भी गड़बड़ी करेंगे और स्टेडियम का नुकसान करेंगे
- क्या आपके समर्थक आपके आदेशों का पालन करेंगे
- क्या आप इसकी गारंटी देंगे?
- पिछले 6 दिनों में जो देखा है, वह बहुत ही दुखद है
- आपके आंदोलनकारी सड़कों पर कबड्डी खेल रहे हैं
- कल को वहीं क्रिकेट भी खेलेंगे.
- फिर आप कोर्ट में कहेंगे कि भीड़ हमारे नियंत्रण में नहीं