Manoj Jarange Demands: मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मराठा आरक्षण मुद्दे को ईमानदारी से संबोधित करने की अपील की. जरांगे ने पत्रकारों से बात करते हुए सुबह 9 बजे मुंबई में विरोध प्रदर्शन करने के लिए अपने गृहनगर, जालना में अंतरवाली सरती गांव छोड़ने की अपनी योजना की घोषणा की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आरक्षण मामले को सुलझाने की कुंजी उपमुख्यमंत्री फडणवीस के पास है और उन्होंने उनसे सहानुभूति और विचार दोनों के साथ इस मुद्दे पर विचार करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा,‘‘मराठा आरक्षण मुद्दे का समाधान फडणवीस के पास है, और उन्हें आगे आना चाहिए और इस मामले को दिलोदिमाग से हल करना चाहिए.’’

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कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मांगजरांगे ने मराठा समुदाय के 54 लाख सदस्यों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने की अपनी मांग पर जोर दिया. इसके अतिरिक्त, उन्होंने आरक्षण मुद्दे के समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा स्थापित समिति की प्रगति पर भी सवाल उठाया, जिसने पिछले वर्ष 23 दिसंबर को अपना काम शुरू किया था. जरांगे ने निराशा व्यक्त करते हुए राज्य मंत्री गिरीश महाजन पर झूठे आश्वासन देने और मराठा समुदाय को धोखा देने का आरोप लगाया. जरांगे ने पूछा, कहां हैं मंत्री गिरीश महाजन, जो सात मंत्रियों के साथ आए थे और 30 दिन में मुद्दे को हल करने का वादा किया था. हमने तब उन्हें (सरकार को) 40 दिन का वक्त दिया था. वह अब कहां छिपे हैं.’’

क्या फिर गरमाएगा मराठा आरक्षण आंदोलन?एक महत्वपूर्ण घोषणा में, जरांगे ने घोषणा की कि मुंबई तक उनका मार्च उनके संघर्ष के अंतिम प्रयास को चिह्नित करेगा. उन्होंने मराठा समुदाय को अपनी सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए 26 जनवरी को महाराष्ट्र की राजधानी में एकजुट होने के लिए आमंत्रित किया. जरांगे ने घोषणा की कि मुंबई तक उनका मार्च आखिरी संघर्ष होगा और उन्होंने मराठा समुदाय के लोगों से 26 जनवरी को अपनी ताकत दिखाने के लिए महाराष्ट्र की राजधानी में इकट्ठा होने का आह्वान किया.

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