Shiv Sena MLAs Disqualification: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना विधायकों की अयोग्यता से संबंधित याचिका की सुनवाई का आज दूसरा दिन है. विधान भवन में सुबह 11:30 बजे विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर सुनवाई की शुरुआत करेंगे. 22 नवंबर से 24 नवंबर और तीन दिनों के अवकाश के बाद 28 नवंबर से 3 दिसंबर तक लगातार सुनवाई होगी. कल शिंदे गुट के वकील महेश जेठमलानी ने उद्धव गुट के विधायक व मुख्य सचेतक सुनील प्रभु से कई सारे सवाल पूछे, जिसका प्रभु ने उत्तर दिया. ज्यादातर समय इनके बीच जिरह में ही निकल गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को अयोग्यता मामले की सुनवाई 31 दिसंबर तक पूरी करनी होगी. सुनवाई के लिए शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट के वकील पहुंचे हैं.


SC ने दिया था ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके प्रति वफादार शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं की सुनवाई के लिए एक सप्ताह के भीतर समयसीमा देने का निर्देश दिया था. स्पीकर से विधायकों के खिलाफ कार्यवाही के निपटारे के लिए एक कार्यक्रम निर्धारित करने को भी कहा था.


MVA नेताओं का आरोप
एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था, जो उस समय महाविकास अघाड़ी के मुख्यमंत्री थे, जिसमें कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी शामिल थी. विद्रोह के कारण राज्य में एमवीए सरकार गिर गई और एकनाथ शिंदे ने बीजेपी की मदद से सरकार बनाई. MVA के नेताओं ने महाराष्ट्र स्पीकर पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया है. राउत ने आरोप लगाया है कि, "सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट निर्देश के बावजूद, जब अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने की बात आती है तो स्पीकर समय बर्बाद कर रहे हैं. वह राज्य में असंवैधानिक सरकार का समर्थन कर रहे हैं."


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