Maratha Reservation Protest: ताजा हमले में, शिवबा संगठन के नेता मनोज जरांगे-पाटिल ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल को 'पनौती' (अपशकुन) करार दिया और उन पर राज्य में जातिवादी अशांति फैलाने का आरोप लगाया. जारांगे-पाटिल लगभग चार महीनों से मराठा आरक्षण के लिए अभियान चला रहे हैं, जबकि भुजबल ने ओबीसी श्रेणी से मराठा आरक्षण को अलग करने की उनकी मांग का पुरजोर विरोध किया है. दोनों समूहों के सीधे टकराव की स्थिति में भुजबल गुरुवार को नासिक में बारिश से प्रभावित कुछ इलाकों के सर्वेक्षण पर गए, जहां उन्हें किसानों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा.


क्या बोले मनोज जरांगे?
इसका जवाब देते हुए जारांगे-पाटिल ने कहा कि भुजबल दुर्भाग्यशाली हैं और उनकी वजह से राज्य के किसान साढ़ेसाती (एक ज्योतिषीय शब्द जो साढ़े सात साल के लिए दुर्भाग्य का संकेत देता है) से पीड़ित होंगे. जारांगे पाटिलने आरोप लगाया, ''भुजबल एक 'पनौती' हैं और खेती करने वालों के लिए अपशकुन लाएंगे... वह कानून तोड़ते हैं, महान आदर्शों की जातियों का उल्लेख करते हैं, वह आरक्षण के विरोधी हैं और संवैधानिक पद पर रहते हुए जातिगत अशांति फैला रहे हैं.'' उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) से अलग हुए समूह को सलाह दी कि वह प्रभावित कृषकों के सर्वेक्षण दौरे को आगे न बढ़ाएं और कहा, "सरकारी प्रशासन को प्रभावित किसानों के लिए आवश्यक कार्य करने दें."


छगन भुजबल पर साधा निशाना
जारांगे-पाटिल ने कहा, “क्या वह (भुजबल) वहां जाते हैं और पंचनामा तैयार करते हैं? फिर वह खेतों को रौंदने के लिए वहां क्यों जा रहा है... किसानों को तब बेहतर लगता है जब वह उन्हें अकेला छोड़ देते हैं.'' नासिक के येओला तालुका के कई गांवों के अपने मौजूदा दौरे में, भुजबल को गुरुवार को स्थानीय मराठा युवाओं और बुजुर्गों के जोरदार विरोध और प्रदर्शन का सामना करना पड़ा, जिन्होंने उनके वाहन को रोकने का प्रयास किया, उनके खिलाफ नारे लगाए, उन्हें 'वापस जाने' के लिए कहा, और उन्होंने कहा कि उन्हें उन्हें उनके भाग्य पर छोड़ देना चाहिए. एक गांव में, मंत्री का काफिला निकलने के बाद, स्थानीय लोगों ने उनके पीछे नारे लगाए और गोमूत्र छिड़ककर और मंत्रों का जाप करके सड़कों को शुद्ध किया, घटनाक्रम के वीडियो वायरल हो रहे हैं, इसमें भुजबल उत्तेजित भीड़ को शांत करने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं.


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