महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां नीट में 99.99 पर्सेंटाइल लाने वाला एक 19 वर्षीय छात्र जिस दिन मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए निकलने वाला था, उसी दिन छात्र ने सुसाइड कर ली. 

Continues below advertisement

अनुराग अनिल बोरकर नाम के छात्र की आत्महत्या ने सभी को हैरान कर दिया है. अनुराग अनिल बोरकर कथित तौर पर एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें लिखा है कि वह डॉक्टर नहीं बनना चाहता था.

नीट में हासिल किए थे 99.99 पर्सेंटाइल

चंद्रपुर की सिंदेवही तालुका के नवारगांव में अनुराग अपने परिवार के साथ रहता था और हाल ही में उसने नीट यूजी 2025 परीक्षा 99.99 पर्सेंटाइल के साथ पास की थी और ओबीसी श्रेणी में ऑल इंडिया 1475वीं रैंक हासिल की थी. वह एडमिशन के लिए उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जाने की तैयारी कर रहा था.

Continues below advertisement

डॉक्टर नहीं बनना चाहता था छात्र

एनडीटीवी में छपी रिपोर्ट की मानें तो पुलिस के मुताबिक अनुराग ने गोरखपुर रवाना होने से पहले ही अपने घर पर फंदे से लटककर जान दे दी. वहीं घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद किया गया है. हालांकि अधिकारियों ने सुसाइड नोट जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक की विषय-वस्तु मीडिया को जारी नहीं की है, लेकिन पुलिस सूत्रों ने बताया कि सुसाइड नोट में छात्र ने जिक्र किया कि वह डॉक्टर नहीं बनना चाहता था.

रात को मां ने देखा तो फंदे से लटका मिला बेटा

छात्र  मंगलवार (23 तारीख) की सुबह-सुबह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के एक मेडिकल कॉलेज में MBBS में दाखिला लेने जा रहा था, इसलिए बोरकर परिवार सोमवार (22 तारीख) को रात का खाना खाने के बाद रात करीब 10.30 बजे सोने चला गया. देर रात करीब 2.30 बजे जब अनुराग की मां टॉयलेट के लिए उठीं, तो उनकी मां ने देखा कि उनके कमरे की लाइट जल रही थी दोनों ने मिलकर उसके गले में फँसी रस्सी को काटा और उसे नीचे उतारा, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

घटना की सूचना पाकर सिंदेवाही पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने पंचनामा करके शव को पोस्टमार्टम के लिए सिंदेवाही के ग्रामीण अस्पताल भेज दिया. पढ़ाई में होशियार अनुराग के इतना बड़ा कदम उठाने से हर कोई हैरान था. वह एक होशियार और मेहनती छात्र था.