Maharashtra News: शिवसेना की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर बीएससी द्वितीय वर्ष की एक किताब के कंटेंट को लेकर कार्रवाई की मांग की, जिसमें महिलाओं के खिलाफ ‘‘अपमानजनक' टिप्पणियां हैं. चतुर्वेदी ने अपने पत्र में कहा है कि टी के इंद्राणी द्वारा लिखी गई ‘सोशलॉजी फॉर नर्सेज’ पाठ्यपुस्तक दहेज प्रथा के 'गुण और फायदे' बताती है.


उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा के तथाकथित लाभों में से एक, जैसा कि किताब में लिखा गया है, "दहेज के बोझ के कारण, कई माता-पिताओं ने अपनी लड़कियों को शिक्षित करना शुरू कर दिया है. जब लड़कियां शिक्षित होती हैं या नौकरी करती हैं, तो दहेज की मांग कम होगी. यह एक अप्रत्यक्ष लाभ है."






पुस्तक के अनुसार, "बदसूरत लड़कियों की शादी ठीकठाक दहेज के साथ अच्छे या बदसूरत दिखने वाले लड़कों के साथ की जा सकती है."उन्होंने पत्र में कहा, "यह भयावह है कि इस तरह की अपमानजनक और समस्याग्रस्त पुस्तकें प्रचलन में हैं. दहेज के गुण बताने वाली पाठ्यपुस्तक वास्तव में हमारे पाठ्यक्रम में मौजूद हो सकती है, यह देश और इसके संविधान के लिए शर्म की बात है."


चतुर्वेदी ने कहा कि इस तरह की पुस्तकों के प्रसार को तुरंत रोका जाना चाहिए और इन्हें पाठ्यक्रम से हटा दिया जाना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त उपाय किए जाने चाहिए कि भविष्य में इस तरह की महिला विरोधी सामग्री को न तो पढ़ाया जाए और न ही प्रचारित किया जाए.


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