Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार ने 'वंदे मातरम' को सभी सरकारी अधिकारियों के लैंडलाइन और मोबाइल फोन पर "हैलो" के बजाय एक प्रारंभिक क्रिया के रूप में उपयोग करने के लिए सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी किया है. इससे पहले अगस्त के महीने में महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सरकारी कर्मचारियों को फोन कॉल पर हेलो के बजाय 'वंदे मातरम' बोलने का आदेश दिया था.


इसे लेकर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने कहा है कि "बीजेपी के पास मुद्दे नहीं बचे है. कभी शहर के नाम बदलने की बात करते है. इनसे महंगाई, बेरोजगारी पर सवाल पूछ दो तो चीते से भी तेज भाग जाते है. वंदे मातरम बोल दिया तो क्या बेरोजगारी कम हो जाएगी, महंगाई कम हो जाएगी. इनका काम ध्यान भटकाना है."


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सरकार ने जारी किया प्रस्ताव


सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी जीआर में कहा गया है कि अधिकारी उनसे मिलने आने वाले लोगों में भी वंदे मातरम का अभिवादन के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए जागरूकता पैदा करें. जीआर में कहा गया है कि 'हैलो' शब्द पश्चिमी संस्कृति की नकल है और सिर्फ "बिना किसी विशिष्ट अर्थ के अभिवादन और कोई स्नेह पैदा नहीं करता है." राज्य में शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद महाराष्ट्र के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने यह प्रस्ताव पेश किया था. बाद में उन्होंने पीछे हटते हुए कहा कि राष्ट्रवाद को दर्शाने वाले किसी भी समकक्ष शब्द का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस बीच आज वर्द्धा गांधी जी के सेवाग्राम में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य के सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुंनगंटीवार हेलो के बदले वंदे मातरम बोलने के अभियान की शुरूआत करेंगे.


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