Maharashtra NCP Political Crisis: अजित पवार के NDA में शामिल होने से शिंदे गुट बेचैन है. इस बीच एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ भी तनाव बढ़ गया है. यह मुद्दा तब चर्चा के केंद्र में आ गया जब खुद शिवसेना नेताओं ने इस पर अपना रुख जाहिर किया. 'एक रोटी मिलनी थी. अब आधा मिलेगा', ऐसा कहते हुए शिवसेना के प्रतोद भरत गोगावेले की नाराजगी छुपी नहीं रह सकी. इसके बाद प्रवक्ता संजय शिरसाट ने भी अपना पक्ष रखा है.


संजय शिरसाट का बड़ा बयान
अजित पवार के NDA में शामिल होने से शिवसेना गुट नाराज है. इसपर शिवसेना के विधायक संजय शिरसाट ने बड़ा बयान दिया है. शिरसाट ने कहा, "राजनीति में जब हमारा प्रतिद्वंद्वी गिरोह हमारे साथ आना चाहता है, तो हमें उन्हें शामिल करना पड़ता है और बीजेपी ने यही किया. एनसीपी के हमारे साथ आने के बाद, हमारे समूह के लोग नाराज थे क्योंकि उनमें से कुछ हमारे नेताओं को उनका मनचाहा पद नहीं मिलेगा.


'हमने देवेंद्र फडणवीस को किया है सूचित'
शिरसाट ने आगे कहा, यह सच नहीं है कि हमारे सभी नेता एनसीपी के हमारे साथ आने से खुश हैं. हमने सीएम और डिप्टी सीएम को सूचित कर दिया है और उन्हें इस मुद्दे को हल करना होगा... हम हमेशा एनसीपी के खिलाफ थे और आज भी हैं. हम शरद पवार के खिलाफ हैं. शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को सीएम के रूप में इस्तेमाल किया था. जब उद्धव सीएम थे तो एनसीपी (शरद पवार) सरकार चलाते थे... एकनाथ शिंदे अब कार्रवाई का फैसला करेंगे.''


गौरतलब है कि, जब से अजित पवार NDA में शामिल हुए हैं और डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है तबसे शिंदे गुट में बेचैनी देखी जा रही है. बेचैनी की वजह ये है कि अजित पवार के साथ आये कई विधायकों ने भी महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं जिससे शिवसेना गुट को लगता है कि उनके नेताओं को अब मनचाहा पद नहीं मिलेगा. 


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