Maharashtra MLA Disqualification Case: महाराष्ट्र में विधायकों की अयोग्यता के मामले में अजित पवार गुट की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से एक महीने का समय मांगा गया है. इसके अलावा राष्ट्रपति को सुनवाई के लिए दिया गया समय भी बहुत कम है. जिसकी वजह से अब इस बात को लेकर भ्रम पैदा हो रहा है कि समूह को कितना विस्तार दिया जाना चाहिए. इन सबके बावजूद विधानमंडल सचिवालय इस बात पर भी सहमत है कि अजित पवार गुट को 2 हफ्ते से ज्यादा का समय नहीं दिया जाना चाहिए.
एनसीपी के दो गुट आमने-सामनेविधायकों की अयोग्यता के मामले में पहले शिवसेना और अब एनसीपी के 2 गुट आमने-सामने हो गए है. इसमें से एनसीपी के शरद पवार गुट की मांग है कि अजित पवार गुट के उन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने उनकी पार्टी का अनुशासन तोड़ा है. इसके अलावा अजित पवार गुट का कहना है कि शरद पवार गुट के उन विधायकों को अयोग्य ठहराया जाना चाहिए.
51 विधायकों को जारी किया गया है नोटिसआपको बता दें कि इस पूरे मामले में राष्ट्रपति की तरफ से दोनों गुटों के 51 विधायकों को नोटिस जारी किया गया है और उन्हें अपनी बात रखने के लिए कहा गया है. वहीं शरद पवार गुट की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को अपना बयान सौंपा गया है जिसमें कहा गया है कि उनके विधायकों की तरफ से कोई अनुशासन नहीं तोड़ा गया है. इसके अलावा अजीत पवार गुट ने अपनी बात को रखने के लिए एक महीने का समय दिए जाने की मांग की है. अब विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को 31 दिसंबर तक शिवसेना के बारे में फैसला देना है.
वहीं शीतकालीन सत्र के दौरान एनसीपी की सुनवाई के लिए दस्तावेज जमा करने की प्रक्रिया शुरू की गई है. राष्ट्रपति को 31 जनवरी 2024 तक एनसीपी की सुनवाई के बाद मामले में फैसला लेना होगा.
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