Maharashtra News: महाराष्ट्र के ठाणे और मुलुंड के बीच रोज़ाना सफर करने वाले लाखों लोकल ट्रेन यात्रियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. सालों से अटका पड़ा ठाणे-मुलुंड के बीच नया उपनगरीय रेलवे स्टेशन बनाने का प्रोजेक्ट अब फिर से रफ्तार पकड़ेगा. इस परियोजना के लिए फंड की समस्या आखिरकार सुलझ गई है, जिससे यात्रियों को आने वाले समय में बड़ा फायदा मिलने वाला है.

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फंड की समस्या खत्म, काम को मिली मंजूरी

ठाणे के सांसद नरेश म्हस्के ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी है कि केंद्र सरकार ने इस पूरे प्रोजेक्ट का खर्च उठाने का फैसला किया है. इसके चलते अब लंबे समय से रुका हुआ काम दोबारा शुरू होगा. यात्रियों के लिए यह फैसला बेहद राहत भरा माना जा रहा है, क्योंकि इस स्टेशन की मांग कई वर्षों से की जा रही थी.

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ठाणे–मुलुंड के बीच बनने वाले इस नए स्टेशन को पहले ही स्मार्ट सिटी मिशन के तहत मंजूरी मिल चुकी थी. शुरुआत में इस परियोजना की लागत करीब 120 करोड़ रुपये तय की गई थी. काम भी शुरू हुआ और लगभग 60 प्रतिशत निर्माण पूरा हो गया था, लेकिन समय के साथ लागत बढ़ती गई और कुल खर्च करीब 245 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. स्मार्ट सिटी मिशन की समयसीमा मार्च 2025 में खत्म होने वाली थी, जिससे अतिरिक्त फंड को लेकर सवाल खड़े हो गए थे. इसी कारण प्रोजेक्ट के रुकने का खतरा पैदा हो गया था.

केंद्र सरकार का निर्णायक फैसला

इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए सांसद नरेश म्हस्के और लोकसभा में शिवसेना के नेता डॉ. श्रीकांत शिंदे ने लगातार प्रयास किए. उन्होंने संसद में यह मुद्दा उठाया और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर प्रोजेक्ट की अहमियत बताई.

रेलवे मंत्रालय, राज्य सरकार और अन्य विभागों के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत पर भी जोर दिया गया. आखिरकार केंद्र सरकार ने फैसला लिया कि इस प्रोजेक्ट का पूरा खर्च रेलवे प्रशासन द्वारा वहन किया जाएगा.

रेल मंत्री का आश्वासन

सर्दियों के सत्र के दौरान सांसदों ने एक बार फिर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की. इसके बाद रेल मंत्री ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से फोन पर बातचीत कर भरोसा दिलाया कि स्टेशन का रुका हुआ काम तुरंत शुरू किया जाएगा और इसे तेजी से पूरा किया जाएगा.

नया रेलवे स्टेशन शुरू होने के बाद ठाणे और मुलुंड स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ काफी हद तक कम हो जाएगी. रोज़ाना सफर करने वालों का समय बचेगा और यात्रा ज्यादा आरामदायक होगी. इसके साथ ही ठाणे–मुलुंड इलाके के विकास को भी नई गति मिलेगी. बेहतर यातायात व्यवस्था से पूरे क्षेत्र को फायदा होगा. लंबे समय से चली आ रही इस मांग के पूरी होने से ठाणे और मुलुंड के यात्रियों में खुशी और संतोष का माहौल है.