महाराष्ट्र में सर्वत्र मूसलाधार बारिश हो रही है. इसके चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस बारिश को लेकर जानकारी दी है. राज्य में जगह-जगह बाढ़ की स्थिति बनी हुई है.

खेती और पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है. आने वाले कुछ दिनों तक बारिश का जोर बना रहेगा. मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि सरकार की ओर से कौन-कौन से उपाय किए जा रहे हैं. अधिकारियों से बातचीत की गई है. 21 तारीख तक मूसलाधार बारिश की संभावना है. 15-16 जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.

इन जिलों में आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. कोकण क्षेत्र में रेड अलर्ट है. अंबा, कुंडलिका और जगबुडी नदियों का पानी चेतावनी स्तर पार कर गया है, इसलिए इन इलाकों पर विशेष नजर रखी जा रही है.

खतरे के स्तर से ऊपर नहीं गया नदी का जलस्तर

नाशिक विभाग में तापी और हतनूर नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. रावेर के कुछ हिस्सों में पानी घुस गया है. जलगांव जिले में स्थिति गंभीर है. पिछले 2-3 दिनों की मूसलाधार बारिश से भारी नुकसान हुआ है. घरों और पशुओं का नुकसान हुआ है. पुणे में बारिश हो रही है लेकिन वहां किसी भी नदी का जलस्तर खतरे के स्तर से ऊपर नहीं गया है.

नांदेड जिले के मुखेड तहसील में भारी बारिश के कारण लेंडी बांध का जलस्तर काफी बढ़ गया है. इसके अलावा लातूर, उदगीर और कर्नाटक से भी बड़े पैमाने पर पानी आ रहा है. कल यहां करीब 206 मिमी बारिश हुई. इसके कारण रावनगांव, भासवाड़ी, भिंगेली और हसनाळ गांवों का जनजीवन प्रभावित हुआ है.

  • रावनगांव में 225 नागरिक बाढ़ में फंसे थे, जिनमें से गंभीर रूप से प्रभावित जगह से लोगों को बाहर निकाला गया है. शेष नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का प्रयास जारी है.
  • हसनाळ में 8 लोगों को बाहर निकाला गया है.
  • भासवाड़ी में 20 नागरिक फंसे हैं लेकिन वे सुरक्षित हैं.
  • भिंगेली में 40 लोग फंसे हैं, वे भी सुरक्षित हैं.
  • 5 नागरिक लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है.

'पुलिस की टीम मिलकर कर रही राहत कार्य'

मुख्यमंत्री ने बताया कि वे स्वयं नांदेड के जिलाधिकारी से लगातार संपर्क में हैं. नांदेड, लातूर और बीदरइन तीनों जिलों के जिलाधिकारी आपस में समन्वय करके बचाव कार्य कर रहे हैं.

एनडीआरएफ की 1 टीम, सेना का एक दल और पुलिस की टीम मिलकर राहत कार्य कर रही है. छत्रपति संभाजीनगर से भी सेना की एक टुकड़ी रवाना हो चुकी है. स्थानीय प्रशासन को लगातार प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद रहकर समन्वय साधने के निर्देश दिए गए हैं.