Leopard Attack Government Job: महाराष्ट्र में पिछले कई महीनों से तेंदुओं और बाघों के हमलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. राज्य के कई जिलों से आए दिन इंसानों और जानवरों पर हमले की खबरें सामने आ रही हैं. इससे न सिर्फ ग्रामीण इलाकों में भय का माहौल बन गया है, बल्कि लगातार जानें जाने से कई परिवार आर्थिक संकट में भी फंस गए हैं. इसी स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार अब एक बड़े फैसले पर गंभीरता से विचार कर रही है. तेंदुए या बाघ के हमले में मौत होने पर पीड़ित परिवार को वन विभाग में सरकारी नौकरी देने का प्रस्ताव.
मृतक के परिजनों को मिले नौकरी
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, राज्य सरकार इस प्रस्ताव पर तेजी से काम कर रही है. कई मामलों में पीड़ित परिवार का अकेला कमाने वाला व्यक्ति ही तेंदुए या बाघ का शिकार बन जाता है. उसके बाद परिवार पर अचानक आर्थिक संकट टूट पड़ता है, बच्चों की पढ़ाई रुक जाती है, खेती-बाड़ी बिगड़ जाती है, घर का खर्च चलाना मुश्किल हो जाता है और कर्ज का बोझ बढ़ जाता है
ऐसे परिवारों की स्थिति को देखते हुए सरकार मानती है कि केवल आर्थिक मुआवजा काफी नहीं है. सरकारी नौकरी मिलने पर परिवार को स्थायी आर्थिक सुरक्षा मिल सकती है और भविष्य की मुश्किलें भी कम हो सकती हैं. वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि जल्द ही इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है.
तेजी से बढ़ रही जंगली जानवरों की गतिविधियां
पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र के कई जिलों में तेंदुए और बाघों की संख्या और गतिविधियां बढ़ी हैं. जंगलों के आसपास बसे गांवों में लोग अब पहले की तरह सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे. जंगली जानवरों की बढ़ती मौजूदगी ने ग्रामीण जीवन को काफी प्रभावित किया है. इसी वजह से नौकरी वाला प्रस्ताव और भी जरूरी हो गया है.
परभणी जिले के पाथरी तालुका के रेनाखली शिवार में पिछले हफ्ते से तेंदुए का लगातार घूमना स्थानीय लोगों के लिए बड़ी समस्या बन गया है. धुले जिले के साक्री तालुका के दहिवेल और कोंडायबारी इलाके में तेंदुए के खुलेआम घूमने से लोगों की नींद उड़ गई है.
तेंदुए को पकड़ने की मांग पर रास्ता रोको
अहिल्यानगर-कल्याण राजमार्ग पर किन्ही गांव के ग्रामीणों ने तेंदुए को पकड़ने की मांग को लेकर रास्ता रोको आंदोलन किया. एक हफ्ते पहले तेंदुए ने गांव की महिला भागुबाई खोदडे पर हमला कर उनकी जान ले ली थी. वन विभाग के धीमे रवैये से ग्रामीण नाराज थे. पुलिस ने प्रदर्शन रोकने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण पीछे हटने को तैयार नहीं थे.
लगातार हो रहे जानवरों के हमलों ने ग्रामीण इलाकों के लोगों को गंभीर चिंता में डाल दिया है. बाघ और तेंदुए के हमलों में बढ़ोतरी महाराष्ट्र के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है. गांवों में डर का माहौल है और कई परिवार अपने कमाने वाले सदस्य को खोकर टूट चुके हैं. ऐसे समय में सरकार द्वारा नौकरी देने पर विचार करना एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.