Gram Panchayat Election: महाराष्ट्र में स्थानीय स्वशासन चुनाव को लेकर एक अहम और बड़ी खबर सामने आई है. बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने एक अहम फैसला दिया है कि अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के कारण सरपंच या उपसरपंच पद से हटाए गए उम्मीदवार उसी पद के लिए उपचुनाव लड़ सकते हैं. जस्टिस अतुल चांदूरकर और जस्टिस वृषाली जोशी ने एक मामले में यह फैसला सुनाया है. ABP माझा के अनुसार, फैसले में स्पष्ट किया गया कि महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम संबंधित उम्मीदवारों को उपचुनाव लड़ने से अयोग्य नहीं ठहराता है. चुनाव लड़ना पूर्णतः कानूनी अधिकार है. इसलिए कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि संबंधित कानून किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य नहीं ठहराता.


हाईकोर्ट का अहम फैसला
अमरावती में वाथोडा ग्राम पंचायत का सरपंच पद अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित है. 28 जनवरी 2021 को इस पद के लिए सुजाता गायकी ने चुनाव जीता. इसके बाद, 8 जून 2023 को गायकी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया. इस कारण गायकी सरपंच पद से हट गये. इसके अलावा, इस पद के लिए उपचुनाव कराने के लिए 30 जून 2023 को एक नोटिस जारी किया गया था. गायकी अनुसूचित जनजाति वर्ग से एकमात्र महिला उम्मीदवार हैं. इसलिए, यदि वह उन उप-चुनावों को लड़ती हैं तो वे जीतेंगी, इसलिए याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और मांग की कि गायकी को सरपंच पद के उप-चुनाव लड़ने से रोका जाए.


दोबारा लड़ सकते हैं चुनाव
इस बीच , जिला प्रशासन ने समय पर जाति वैधता प्रमाण पत्र जमा नहीं करने के कारण लातूर जिले के छह तालुकाओं के 410 ग्राम पंचायत सदस्यों को अयोग्य घोषित कर दिया है. जिला कलेक्टरों के आदेश के अनुसार, इसे जनवरी 2023 के अंत तक उन जिला कलेक्टरों को प्रस्तुत किया गया था जो रेनपुर, निलंगा, देवानी, उदगीर, जलकोट और अहमदपुर तालुकों में आरक्षित सीटों पर चुने गए थे और जिन्होंने वैधता प्रमाण पत्र नहीं दिया था. सदस्यों की जानकारी तहसीलदारों द्वारा जांच के बाद कलेक्टर पृथ्वीराज ने समय सीमा के भीतर जाति वैधता प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराने पर छह तालुकों के 410 सदस्यों को अयोग्य घोषित कर दिया है और उनके पद रिक्त हो गए हैं. 


तालुकावार अयोग्य सदस्य
रेनापुर 42, निलंगा 109, देवानी 78, उदगीर 109, जलकोट 13, अहमदपुर 59 कुल 410. इसमें बड़ी संख्या में सरपंच और उपसरपंच शामिल होने से गांवों में राजनीति गरमा गई है. शेष चार तालुकों के सदस्यों को लेकर कलेक्टर कार्यालय ने जल्द ही निर्णय लेने के संकेत दिये हैं.


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