Bhagat Singh Koshyari: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने पद से इस्तीफा देने और सेवानिवृत्त जीवन जीने की इच्छा जताई है, एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने पिछले सप्ताह मुंबई यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया, जिसमें उन्होंने अपना शेष जीवन पढ़ने, लिखने और अन्य आराम की गतिविधियों में बिताने की मांग की.


भगत सिंह कोश्यारी ने जताई ये इच्छा
संतों, समाज सुधारकों और बहादुर सेनानियों की भूमि महाराष्ट्र जैसे महान राज्य के राज्य सेवक या राज्यपाल के रूप में सेवा करना मेरे लिए पूर्ण सम्मान और सौभाग्य की बात थी. मैं पिछले 3 वर्षों के दौरान महाराष्ट्र के लोगों से मिले प्यार और स्नेह को कभी नहीं भूल सकता. हाल ही में प्रधानमंत्री की मुंबई यात्रा के दौरान, मैंने उन्हें सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होने और अपना शेष जीवन पढ़ने, लिखने और अन्य गतिविधियों में बिताने की अपनी इच्छा से अवगत कराया है. उन्होंने कहा कि उन्हें हमेशा पीएम से प्यार और स्नेह मिला है, और उम्मीद जताई कि यह जारी रहेगा.


छत्रपति शिवाजी पर टिपण्णी मामला
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, जो हाल ही में छत्रपति शिवाजी पर अपनी टिप्पणी के लिए विपक्ष के साथ-साथ सत्तारूढ़ बीजेपी के निशाने पर आए थे, ने सोमवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपनी "राजनीतिक जिम्मेदारियों से हटने की इच्छा" बताई थी. राजभवन द्वारा जारी एक बयान में, 80 वर्षीय राज्यपाल कोश्यारी ने अपना शेष जीवन पढ़ने, लिखने और अन्य इत्मीनान की गतिविधियों में बिताने की इच्छा व्यक्त की है.


कोश्यारी ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में सितंबर 2019 को पदभार ग्रहण किया था और उस समय उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी की सरकार थी. राज्य विधान परिषद में 12 सदस्यों की नियुक्ति सहित कई मुद्दों पर सरकार के साथ कोश्यारी के विवाद थे. एमवीए ने उनपर भेदभावपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया था. हालिया विवाद कोश्यारी के उस बयान को लेकर था जिसमें उन्होंने छत्रपति शिवाजी पर टिप्पणी करते हुए उन्हें ‘‘पुराने जमाने का आदर्श’’ बताया था.


इसके बाद विपक्षी दलों ने उनको पद से हटाने की मांग की थी. इस विवाद के बाद कोश्यारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखकर बताया कि वह छत्रपति शिवाजी जैसे आदर्श का अपमान करने की बात सपने में भी नहीं सोच सकते.


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