महाराष्ट्र में चालकों को सम्मानजनक मेहनताना और यात्रियों को सुरक्षित यात्रा की गारंटी देने वाला राज्य सरकार का आधिकारिक यात्री ऐप जल्द ही ST महामंडल के माध्यम से शुरू किया जाएगा. यह जानकारी परिवहन मंत्री और ST महामंडल के अध्यक्ष प्रताप सरनाईक ने दी.

वे मंत्रालय स्थित अपने कक्ष में केंद्र और राज्य सरकार की एग्रीगेटर नीति के तहत राज्य सरकार का यात्री ऐप तैयार करने के अंतिम मसौदे पर चर्चा करते समय बोल रहे थे.

क्या है सरकार का उद्देश्य?

मंत्री सरनाईक ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य मराठी युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना और यात्रियों व चालकों को अत्यधिक मुनाफाखोरी कर बंधक बनाने वाली निजी कंपनियों से मुक्त करना है.

इस उद्देश्य से आधुनिक तकनीक आधारित यात्री ऐप बस, रिक्शा, टैक्सी और ई-बस जैसी सेवाओं के लिए शुरू करने का निर्णय लिया गया है. यह ऐप राज्य सरकार के परिवहन विभाग के सहयोग से ST महामंडल के माध्यम से शुरू किया जाएगा.

ऐप के लिए इन नामों पर चर्चा

मंत्री ने कहा कि भविष्य में ST महामंडल को आय का नया स्रोत उपलब्ध कराना और यात्रियों को एक विश्वसनीय सेवा देना ही इस शासकीय ऐप को ST महामंडल द्वारा संचालित करने का मुख्य उद्देश्य होगा.

ऐप के लिए 'जय महाराष्ट्र', 'महा-राइड', 'महा-यात्री', 'महा-गो', और 'छावा राइड' नामों पर चर्चा की गई. अंततः सभी की सहमति से 'छावा राइड ऐप' नाम तय किया गया है.

मराठी युवक-युवतियों को मुंबई बैंक से विशेष आर्थिक सहायता 

मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अंतिम स्वीकृति के बाद यह ऐप जल्द ही शुरू करने के प्रयास किए जाएंगे.

बैंक के अध्यक्ष व विधायक प्रवीण दरेकर ने कहा कि ST महामंडल से चलाए जाने वाले राज्य सरकार के आधिकारिक ऐप से रोजगार प्राप्त करने वाले मराठी युवक-युवतियों को मुंबई बैंक की ओर से विशेष आर्थिक सहायता दी जाएगी.

कर्ज लगभग बिना ब्याज का हो जाएगा

प्रवीण दरेकर ने कहा कि इन युवाओं को वाहन खरीदने के लिए 10% ब्याज दर पर कर्ज दिया जाएगा. साथ ही अण्णासाहेब आर्थिक विकास महामंडल, भटके विमुक्त महामंडल, ओबीसी महामंडल और एमएसडीसी जैसी संस्थाओं के माध्यम से 11% ब्याज सब्सिडी दी जाएगी, जिससे यह कर्ज लगभग बिना ब्याज का हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की एग्रीगेटर गाइडलाइन्स के अनुसार, इस ऐप की नियमावली अंतिम चरण में है. वर्तमान में कई निजी कंपनियां अनधिकृत ऐप्स के माध्यम से भारी मुनाफा कमा रही हैं और चालकों व यात्रियों को लूट रही हैं.

लाभ यात्रियों के साथ-साथ ST महामंडल को भी मिलेगा

दरेकर ने कहा कि ST महामंडल के पास संसाधन, तकनीक, मानवबल और पर्याप्त स्थान उपलब्ध है. ऐसे में यदि यह ऐप चलाने की जिम्मेदारी ST महामंडल को दी जाती है, तो इसका लाभ यात्रियों के साथ-साथ ST महामंडल को भी मिलेगा.