महाराष्ट्र के लोगों के राहत भरी खबर आई है. महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने बिजली की दरों में कटौती करने का फैसला किया है. सीएम फडणवीस ने कहा कि पहले साल में 10 फीसदी की कमी होगी और अगले पांच सालों में चरणबद्ध तरीके से कुल 26 फीसदी तक बिजली दरों में कमी होगी. बुधवार (25 जून) को अपने एक्स पोस्ट में सीएम फडणवीस ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि बिजली की दरों पर अच्छी खबर है.

'राज्य के इतिहास में पहली बार दरों में कमी'

सीएम फडणवीस ने कहा कि राज्य के इतिहास में ये पहली बार होगा जब बिजली की दरों में कमी करने का फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विद्युत विनियामक आयोग (MERC) की तरफ से MSEDCL के प्रस्ताव को मंजूरी देने के फैसले से ऐसा करना संभव हो पाया है. 

70 फीसदी लोगों का 100 यूनिट से कम खर्च- सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फैसले का लाभ घरेलू, इंडस्ट्रियल और कॉमर्शियल ग्राहक सभी को मिलेगा. उन्होंने कहा कि राज्य के करीब 70 फीसदी उपभोक्ता 100 यूनिट से कम बिजली का इस्तेमाल करते हैं. 10 फीसदी की कटौती से सबसे अधिक लाभ उन्हें मिलेगा.

इसके साथ ही उन्होंने कहा, "हमारे किसानों को दिन के समय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 का कार्य तेज गति से चल रहा है. बिजली की खरीद में नवीकरणीय ऊर्जा पर बढ़ते फोकस के चलते, भविष्य में बिजली खरीद लागत में होने वाली बचत से किफायती दरों को जारी रखने में मदद मिलेगी. यह जनहित में लिया गया फैसला राज्य के लोगों के साथ शेयर करते हुए बहुत ही संतोष की अनुभूति हो रही है."

पहली बार बिजली की दरों में कटौती की सिफारिश- सीएम

सीएम ने कहा कि अब तक हर साल बिजली की दरों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की सिफारिश की जाती थी लेकिन इस बार इसमें 10 फीसदी की कटौती की सिफारिश की गई है. एबीपी माझा के मुताबिक, अगले पांच सालों में बिजली की खरीद पर 66 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी. साल 2030 तक राज्य की बिजली क्षमता 81 हजार मेगावाट हो जाएगी. इसमें से 31 हजार मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी के स्रोतों के मिलेंगे.