Cybercrime Crackdown: महाराष्ट्र साइबर सेल ने साइबर क्राइम के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए बीते छह साल में 700 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की रकम फ्रीज कर दी है. यह पैसे साल 2019 से साल 2025 के बीच नेशनल साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और 1945 पर मिली लाखों शिकायतों के आधार पर ट्रैक कर फ्रीज की गई, जिससे यह रकम साइबर अपराधियों के हाथों में जाने से पहले ही रोक ली गई.

प्रभावित पीड़ितों को जल्द ही रिफंड

साइबर सेल अधिकारियों के मुताबिक, यह कार्रवाई बैंकों, पेमेंट गेटवे और डिजिटल वॉलेट कंपनियों के सहयोग से की गई है. फिलहाल फ्रीज की गई रकम को कैसे और कब तक लोगों को देना है यह कानूनी प्रक्रिया के अधीन है. अधिकारियों का कहना है कि प्रभावित पीड़ितों को जल्द ही रिफंड मिलने की उम्मीद है. हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बहुत ज्यादा समय लगता है.

मुंबई से 54,836 साइबर ठगी

महाराष्ट्र साइबर द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मुंबई साइबर क्राइम का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है. अकेले साल 2024 में मुंबई से 54,836 साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज हुईं.

इसके बाद पुणे जहां 26,332 शिकायतें दर्ज हुई और ठाणे में 23,148 शिकायतें दर्ज हुई हैं.  इसके अलावा नवी मुंबई और पिंपरी-चिंचवड़ में भी साइबर क्राइम के मामलों में लगातार दर्ज किये जा रहे हैं.

महाराष्ट्र से लगभग 8000 साइबर

साइबर सेल अधिकारियों ने बताया कि उन्हें हर दिन पूरे महाराष्ट्र से लगभग 8000 साइबर ठगी की कॉल्स आते हैं और अब तक इन पर 100% रिस्पॉन्स दिया गया है. जैसे ही कोई संदिग्ध ट्रांजैक्शन सामने आता है, रियल टाइम में संबंधित बैंक या संस्था को अलर्ट भेजा जाता है और तुरंत फंड होल्ड या लियन लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.

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