Maharashtra Police: महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 2018 में 14 साल की लड़की से दुष्कर्म और उसकी हत्या के आरोपी 26 साल के युवक को बरी कर दिया है. ‘यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण’ (पॉक्सो) कानून के तहत मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत की न्यायाधीश वी वी वीरकर ने छह जून को पारित आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ आरोपों को साबित करने में विफल रहा है.


कोर्ट ने क्या कहा?
आदेश की प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गयी. अभियोजन पक्ष ने अदालत से कहा कि आरोपी ने 23 सितंबर, 2018 को भिवंडी कस्बे में लड़की के घर में जबरन प्रवेश किया. आरोप हैं कि उसने लड़की से दुष्कर्म किया और उसके सिर को पानी से भरी बाल्टी में डुबो दिया जिससे उसकी मौत हो गयी. बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि आरोपी को मामले में गलत तरह से फंसाया गया है और अपराध में उसकी कोई भूमिका नहीं थी. न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस के बयान से बिल्कुल साफ है कि आरोपी को महज संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया गया था.


पालघर में अपहरण का मामला
एक अन्य मामलों में महाराष्ट्र के पालघर की 17 वर्षीय एक लड़की ने कथित रूप से अपने ही अपहरण की कहानी रची और अपने प्रेमी के साथ कोलकाता भाग गयी. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी. विरार थाने के वरिष्ठ निरीक्षक कल्याण कार्पे ने बताया कि लड़की एक कंपनी के साफ-सफाई विभाग में काम करती थी और शुक्रवार को काम पर जाने के बाद शाम को घर नहीं लौटी. अधिकारी ने बताया कि लड़की के परिवार वालों ने उसकी खोजबीन शुरू की. इस बीच, उसने अपने भाई को भेजे वॉट्सऐप वॉइस संदेश में दावा किया कि उसे अगवा कर लिया गया है.


उन्होंने कहा कि परिवार से शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 363 (अपहरण) के तहत शिकायत दर्ज की. अधिकारी ने कहा कि पुलिस के एक दल ने इस मामले की अनेक कड़ियों को जोड़ते हुए पता लगाया कि लड़की अपने प्रेमी के साथ हवाई जहाज से कोलकाता चली.


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