Thane Crime News: महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने सबूत के अभाव का हवाला देते हुए सामूहिक बलात्कार मामले में तीन लोगों को बरी कर दिया है. अतिरिक्त सत्र अदालत के न्यायाधीश अमित शेटे ने 16 जनवरी को तीन आरोपियों - फ्लेचर डेलमेट (24), सीरॉक मुनिस (24) और पराग सोज (27) को बरी कर दिया. आदेश की प्रति गुरूवार को उपलब्ध कराई गई. इस संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (2) (एन) (महिला से बार-बार बलात्कार), 376-डी (सामूहिक बलात्कार), 354-बी (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग) और 417 (धोखाधड़ी) के तहत उत्तान सागरी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.


जानिए कोर्ट ने क्या कहा?
अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपियों ने 2017 से नवंबर 2018 के बीच अपराध को अंजाम दिया था. मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि आरोपियों ने 24 वर्षीय महिला के खिलाफ यौन अपराध किया था, लेकिन बचाव पक्ष ने सभी आरोपों से इनकार किया. चार गवाहों के बयानों और विभिन्न दस्तावेजों पर गौर करने के बाद अदालत ने पाया कि पेश किए गए सबूत आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता की गवाही में विश्वसनीयता की कमी थी और आरोपों की पुष्टि के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया गया था. अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा.


दुष्कर्म की खबर
इस खबर से अगर हटकर बात करें तो कुछ दिन पहले दुष्कर्म की एक खबर सामने आई थी. ये घटना मालाबार हिल की बताई गई है और आरोपी का नाम रितिक शाह है जिसकी उम्र 24 वर्षीय है. वर्ली पुलिस ने 21 वर्षीय महिला के साथ कथित बलात्कार का मामला दर्ज किया है था. घटना 13 जनवरी की है जब महिला की मुलाकात अपने सोशल मीडिया दोस्त से हुई थी.


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