Maharashtra News: महाराष्ट्र कांग्रेस ने मांग की है कि मंगलवार को चल रहे महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में स्थानीय आबादी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करके विदर्भ क्षेत्र के लोगों के साथ न्याय किया जाए. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि विपक्ष की मांग के बावजूद, सरकार विदर्भ के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने और समस्याओं के समाधान के लिए विधानमंडल सत्र को दो दिन भी बढ़ाने को तैयार नहीं है.


क्या बोले नाना पटोले?
पटोले ने कहा कि लोग देश की स्थिति से बेहद नाखुश हैं. बमुश्किल डेढ़ सप्ताह के बाद सत्र बुधवार को समाप्त हो जाएगा... महंगाई, किसानों की आत्महत्या, बेरोजगारी, महिलाओं और युवाओं सहित विदर्भ से संबंधित प्रमुख मुद्दे अनसुलझे रहेंगे. उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि जब सोमवार देर रात विदर्भ का मुद्दा चर्चा के लिए आया, तो सरकार के केवल दो मंत्री सदन में मौजूद थे. विपक्षी दलों के 141 संसद सदस्यों के निलंबन का जिक्र करते हुए पटोले ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र में विश्वास नहीं करती है और इसलिए संसद को तानाशाही तरीके से चलाया जा रहा है.


संसद की सुरक्षा पर कही ये बात
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ''13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा के उल्लंघन पर गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बयान जारी करने और सदस्यों को इस मुद्दे पर चर्चा करने की अनुमति देने के बजाय, भाजपा शासन ने जनहित के सवाल उठाने के लिए सांसदों को निलंबित कर दिया है.''


मराठा आरक्षण आंदोलन पर दिया ये बयान
कांग्रेस ने मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने मराठों को बेवकूफ बनाया और उन्हें यह नहीं पता कि समुदाय को आरक्षण कैसे दिया जाए. विधानसभा में शिंदे ने ऐलान किया कि मराठाओं को आरक्षण देने पर फरवरी में विशेष सत्र बुलाया जाएगा.


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