कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल का शनिवार को महाराष्ट्र के लातूर जिले में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और कर्नाटक के मंत्री ईश्वर खंड्रे लातूर में पाटिल के अंतिम संस्कार में शामिल हुए.

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पाटिल लिंगायत समुदाय के एक प्रमुख सदस्य थे. उन्हें लातूर से छह किलोमीटर दूर वरवंती गांव में उनके खेत में, ध्यान की मुद्रा में बैठी हुई स्थिति में दफनाया गया. यह लिंगायत अनुष्ठान इस मान्यता पर आधारित है कि मृतक की आत्मा तुरंत शिव में विलीन हो जाती है और पुनर्जन्म के चक्र के अधीन नहीं होती है, इस प्रकार आत्मा को शरीर से मुक्त करने के लिए दाह संस्कार की आवश्यकता नहीं होती है.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अर्पित किया पुष्पचक्र

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शिवराज पाटिल के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किया. कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्द्धन सपकाल और लातूर से लोकसभा सदस्य शिवाजी कोलगे भी पाटिल के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. अंतिम संस्कार से पहले पाटिल को बंदूकों की सलामी दी गई.

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शिवराज पाटिल ने 90 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार को लातूर में संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया. उन्होंने 90 वर्ष की उम्र में शुक्रवार को आखिरी सांस ली थी. अपने पचास साल के राजनीतिक जीवन में उन्होंने केंद्र सरकार में कई पदों पर कार्य किया. वह लोकसभा के अध्यक्ष भी रहे.

दो बार विधायक और 7 बार चुने गए सांसद

पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को हुआ था और उन्होंने 1967 में लातूर नगर निकाय के सदस्य के रूप में अपने सियासी करियर की शुरुआत की थी. 2010 से 2015 तक वह पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक रहे. पाटिल 1972 से 1980 के बीच दो बार लातूर से महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य चुने गए. वह 1980, 1984, 1989, 1991, 1996, 1998 और 1999 में लगातार सात बार लातूर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए.

रक्षा राज्य मंत्री (1980-82) के रूप में पहली बार इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल किए जाने के बाद पाटिल को वाणिज्य मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार (1982-83) दिया गया, जहां से उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, अंतरिक्ष और महासागर विकास (1983-84) में स्थानांतरित कर दिया गया.

26/11 मुंबई हमले के बाद दिया था मंत्री पद से इस्तीफा

राजीव गांधी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान, उन्होंने कार्मिक, रक्षा उत्पादन, नागरिक उड्डयन और पर्यटन मंत्री के रूप में काम किया. पाटिल को 2004 में केंद्रीय गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन उन्होंने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले के दौरान सुरक्षा में हुई चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 30 नवंबर 2008 को पद से इस्तीफा दे दिया था.