महाराष्ट्र कांग्रेस ने बिहार चुनावी माहौल के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के साथ गठबंधन नहीं करने का फैसला किया है. यह निर्णय कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सापकाल ने की. यह बैठक मंगलवार (4 नवंबर) को तिलक भवन में आयोजित हुई थी. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी.

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कांग्रेस उन दलों के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार है जो INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं. लेकिन कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया है कि MNS के साथ किसी भी तरह का गठबंधन नहीं किया जाएगा. इस निर्णय की जानकारी जल्द ही दिल्ली हाईकमान को दी जाएगी.

MNS के साथ जुड़ना नुकसानदायक!

कांग्रेस नेताओं का मानना है कि MNS जैसी पार्टी, जो खुले तौर पर उत्तर भारतीयों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ रुख रखती है, के साथ जुड़ना पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. खासकर बिहार चुनावों के दौरान.

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MVA के साथ खड़े दिखे राज ठाकरे 

हालांकि हाल ही में MNS प्रमुख राज ठाकरे ने सत्ताधारी पार्टी और चुनाव आयोग के खिलाफ कथित वोट हेराफेरी और पारदर्शिता की कमी जैसे मुद्दों पर महा विकास आघाड़ी के साथ मिलकर आक्रामक रुख अपनाया था. फिर भी कांग्रेस ने यह दूरी बनाए रखने का निर्णय लिया है. महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी में कांग्रेस के अलावा उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी (एसपी) शामिल हैं.

बीते दिनों में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच मिटती दूरियों ने महाराष्ट्र में नए विमर्श को जन्म दिया. दोनों दलों के बीच सियासी गठबंधन की चर्चाओं को भी बल मिला है. हालांकि कोई औपचारिक ऐलान अभी तक नहीं किया गया. अब ऐसे में कांग्रेस के इस रुख पर उद्धव ठाकरे गुट की क्या प्रतिक्रिया होती है ये भी देखना दिलचस्प होगा. सूत्रों की मानें तो उद्धव ठाकरे गुट आगामी बीएमसी चुनावों में राज ठाकरे के साथ गठबंधन को लेकर सकारात्मक रुख अपनाए हुए है.